चिमनियां हमेशा से भारतीय घरों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही हैं। हालांकि अब पर्याप्त बिजली की सुविधा के चलते चिमनी की जरूरत लगभग ना के बराबर हो गई है। फिर भी शहर के लोग पुराने ट्रेडीशंस को जिंदा रखने के लिए अपने इंटीरियर में चिमनियों को इस्तेमाल कर रहे हैं। इस समय जनजातियों द्वारा तैयार की जा रहीं चिमनियों से घर को सजाने का नया ट्रेंड चल निकला है। बता रहे हैं इंटीरियर डिजाइनर कमलरूप सिंह .…
- एंटीक अब इंटीरियर को रिच लुक देने में इस्तेमाल किया जाता है। चिमनियों को भी एंटीक्स की तरह घरों के ड्रॉइंगरूम्स में सजाने से डेकोरेशन में नयापन आता है। मध्यप्रदेश के बैतूल में तैयार ब्रास से बनी खास हैंडक्राफ्टेड चिमनियां खासी पसंद की जा रही हैं।
- ट्रेडीशनल चिमनियों को ब्रास मेटल से तैयार घुंघरू और मोर व हिरण जैसे अलग-अलग मोटिफ्स के साथ भी तैयार किया जा रहा है।
- पुराने समय में चिमनी ब्रास, तांबे या पीतल से तैयार होती थी, इनको रिप्लेस करने की बजाय इनको पॉलिश करवाएं और इनको टी-लाइट होल्डर्स की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।
- एंटीक आइटम हमेशा घर को रॉयल और इंडियन ट्रेडीशनल लुक देते हैं। आप चाहें तो घर में रखीं पुरानी ब्रास चिमनियों को इंटीरियर का हिस्सा बना सकते हैं।
- ग्लास कवर वाली चिमनी के साथ-साथ ब्रास से ट्राइबल लुक वाली चिमनियां घर में अलग जगह बनाती हैं।
- मंदिर एरिया के साथ इसको लिविंग रूम में डेकोरेशन के लिए रखें। आयरन चिमनी को अगर ऑक्सीडाइज करवाएं, तो यह बेहतर लुक देती हैं।
- यह चिमनियां सेंटर टेबल पर और कमरे की वॉल साइड टेबल्स पर किसी देवी या देवता की ब्रास या मेटल की मूर्ति के साथ काफी फबती हैं और डेकोरेशन को काम्पलीमेंट करती हैं।