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हर इंसान के जीवन का उद्देश्य होता है कि वो सुख से रहे और शांति की जिंदगी जिए। कोर्ट केस और आपसी विवादों से हर व्यक्ति दूर ही रहना चाहता है, परंतु फिर भी किसी ना किसी कारण से कुछ लोग ना चाहते हुए भी इस चक्कर में फंस जाते हैं और अपने जीवन का अमूल्य समय अदालत के चक्कर काटने व इन विवादों को सुलझाने में नष्ट कर देते हैं। वास्तु एक्सपर्ट एस के मेहता बता रहे हैं कि हमारे घर में वो कौन से कारण हैं , जिनकी वजह से हम कोर्ट-केस लड़ाई-झगड़े और विवादों में फंसते हैं।
- घर में सबसे नीचा ईशान कोण, उससे ऊंचा वायव्य, वायव्य से ऊंचा आग्नेय कोण और आग्नेय से ऊंचा नैऋत्य कोण होना चाहिए, ऐसे घर बहुत शुभ माने जाते हैं।
- किसी घर की वायव्य दिशा, ईशान दिशा से नीची हो, तो इसे शुभ नहीं माना जाता। इससे आपसी विवाद बढ़ने की संभावना बनी रहती है।
- अग्निकोण, ईशान और वायव्य से ऊंचा व नैऋत्य से नीचा होना चाहिए। जिस घर में अग्निकोण वायव्य से नीचा हो या नैऋत्य से ऊंचा हो जाए, वहां रहने वाले लोगों के अदालती मामलों में फंसने की संभावना बनी रहती है।
- अग्निकोण में पानी का टैंक, बोंरिग, नीचा फर्श, विस्तार या खड्डा हो, तो इस वास्तु दोष की वजह से गृहस्वामी को अदालतों के चक्कर काटने पर विवश होना पड़ सकता है और अत्यधिक समय व धन की बर्बादी होती है।
- अग्निकोण में वास्तु दोष के साथ दक्षिण दिशा नीची हो या दक्षिण दिशा में बेसमेंट या पानी का टैंक हो व पूर्व दिशा बंद या ऊंची हो, तो प्रॉपर्टी के बंटवारे को लेकर आपस में कोर्ट केस चलते हैं और साथ में नैऋत्य कोण भी दूषित हो, तो ऐसे केस बहुत लंबे चलते हैं और उनका कभी कोई समाधान नहीं निकलता।
- उत्तर दिशा ज्यादा खुली हुई या नीची हो, अग्निकोण बढ़ा हुआ हो, पूर्व निर्माण से ऊंचा हो व नैऋत्य कोण में बेसमेंट या खड्डा हो, तो गृहस्वामी पर पैसे गबन करने जैसे आरोप लगते हैं और उसके खिलाफ अदालती कार्यवाही होती है।
- ईशान कोण कटा हुआ हो, अग्निकोण बढ़ा हुआ हो, अग्निकोण पर कोई सड़क आकर भवन पर टकराती हो, वायव्य दिशा नीची हो, पूर्व से पश्चिम में ज्यादा जगह खाली हो, तो ऐसे घर में रहने से संतान पर गंभीर किस्म के मुकदमे दर्ज होते हैं।
- वायव्य दिशा के बेसमेंट में नीचा फर्श विस्तार या खड्डा हो, अग्निकोण ज्यादा खुला हुआ या बढ़ा हुआ हो, व पश्चिमी नैऋत्य कोण भी नीचा हो, तो ऐसे घर में रहने वाले लोग स्त्रियों की वजह से दहेज और दुष्कर्म जैसे केसों में फंसते हैं।