Alok Bhagat
Architect
Anchor – Alok Bhagat
Photo Courtesy : Pexel

पहले भले ही घर में सब्जियां उगाना कठिन काम होता था, मगर वर्तमान में यकीन मानिए ये इतना मुश्किल काम नहीं रह गया है। कुछ लोग लंबे समय से घर में खूबसूरत वेजीटेबल गार्डन तैयार कर रहे हैं। थोड़ा-सा प्रयास और ज्ञान, घर में एक छोटा-सा वेजीटेबल गार्डन बनाने में मदद करेगा, जहां होंगी आपकी पसंद की सब्जियां। अपने बगीचे में पर्याप्त सब्जियां लगाने से पहले इन स्वादिष्ट और सेहत से भरी सब्जियों को सुरक्षित और सही तरीके से उगाने के बारे में जानकारी दे रहे हैं आर्किटेक्ट आलोक भगत…

  1. स्थितियां
    उपयुक्त वातावरण उपलब्ध होने पर हर चीज तेजी से बढ़ती है, ठीक इसी तरह सब्जियों को भी लगभग समान तरह के परिवेश की आवश्यकता होती है। अगर मौसम के अनुसार इन्हें लगाया जाए, तो परिणाम अच्छे मिलते हैं। कोई भी पौधा लगाने से पहले कुछ महत्वपूर्ण घटकों का ध्यान रखा जाना जरूरी है, जैसे उस जगह पर सूर्य का प्रकाश कितना आता है, पानी की खपत, भूमि की उर्वरता कैसी है आदि। एकसाथ बहुत-सारे पौधे न लगाएं, उनके रखरखाव में परेशानी हो सकती है, क्योंकि सही देखभाल से ही पौधे विकास करते हैं। अनदेखी नकारात्मक परिणाम दे सकती है।
  2. बीज या पौधे से करें शुरुआत
    कुछ पौधों में यह विकल्प होता है कि उन्हें बीज के साथ उगाया जा सकता है, तो कुछ को पौधा लगाकर। सब्जियों पर मौसमी प्रभाव को छोड़कर कुछ प्रतिबंध होते हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर पौधों के प्रकार चुने जाते हैं। बीज से उगे हुए पौधे की तुलना में बीज में कई वैरायटी होती हैं। कुछ पौधे उचित तरीके से बढ़ते हैं, अगर उनके बीज को मिट्‌टी में सही तरह से रोपा जाए बजाए छोटा पौधा रोपने के। छोटे पौधे परिपक्व होने में कम वक्त लेते हैं।
  3. गार्डन डिजाइन
    इससे पहले कि आप गार्डन की तरफ रुख करके बैठने की व्यवस्था जमाएं, यह जान लें कि सभी सब्जियों को पर्याप्त जगह में और उनकी बढ़ती आवश्यकताओं के अनुसार लगाया जाना चाहिए। एक खूबसूरत बगीचा तैयार करने के दौरान रूट स्पेस और पाथ-वे पर ध्यान अवश्य दिया जाना चाहिए।
  4. छोटी जगह में वेजीटेबल गार्डन
    वेजीटेबल गार्डन की जगह का अधिकतर उपयोग करने के कई आसान तरीके हैं। सभी प्रकार की सब्जियों को एक ही बार में नहीं लगाया जा सकता, ऐसा करने पर मिलने वाले परिणाम सही नहीं होंगे और उन्हें लगाने का हमारा उद्देश्य व्यर्थ चला जाएगा। कुछ सब्जियों को हर पोषण के साथ सीमित मात्रा में उत्पादित किया जाता है। कुछ सूर्य की ज्यादा रोशनी मिलने पर मुरझा जाती हैं, तो कुछ रोशनी के बिल्कुल न मिलने पर खराब हो जाती हैं। अगर उन्हें मौसम की निर्भरता के अनुसार लगाया जाए, तो सीमित जगह में भी सेहत से भरी सब्जियां प्राप्त की जा सकेंगी।
  5. कंटेनर गार्डनिंग
    जमीन में सीधे बीज लगाने के बजाए कंटेनर की मदद से भी वेजीटेबल गार्डनिंग की जा सकती है। यह कहीं ज्यादा फायदेमंद होगा। कंटेनर गार्डनिंग में आप पौधों को कभी भी यहां से वहां ले जा सकते हैं। इसके अलावा जल निकासी और मिट्टी की सामग्री चुनने में भी आसानी होती है। कीटों को पौधों तक सीधे पहुंचने में समय लगेगा, यानी सुरक्षा की दृष्टि से कंटेनर गार्डनिंग अच्छी है। अलग-अलग प्रकार और आकार के कंटेनर के अनुसार मिट्‌टी की मात्रा होने से पानी को एडजस्ट किया जा सकता है।
  6. मेंटेनेंस
    वेजीटेबल गार्डन को नियमित रूप से देखभाल की जरूरत होती है। गार्डन को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलना चाहिए, इसके लिए बराबर नजर बनाए रखनी होती है। पर्याप्त रख-रखाव न होने पर विकसित पौधा प्राप्त नहीं होगा, फिर भले ही आपने बीजारोपण सही तरीके से क्यों न किया हो। बीज से पौधा बनने का यह सफर भलीभांति पूरा होना चाहिए। पौधे के क्षतिग्रस्त नजर आने पर तुरंत पेस्ट कंट्रोल करवाएं। हालांकि, पेस्ट कंट्रोल की प्रक्रिया को अंतिम उपाय के रूप में ही अपनाया जाना चाहिए क्योंकि यह सब्जियों के 'जैविक' तत्व को नष्ट कर देता है।
  7. जब सब्ज़ियां काटने की बारी आए
    मौसम के अनुसार ही सब्जियों को काटा जाना चाहिए। पौधे अच्छी तरह से विकसित होकर बढ़ें, इसके लिए समय-सीमा के अंदर इसकी पुष्टि करते रहें। एक स्वस्थ फसल के लिए, पौधों को अपनी भौगोलिक अवधि की जलवायु स्थितियों के अनुसार उगाया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, पालक को फरवरी, मार्च और अक्टूबर में लगाया जाना चाहिए, तो गाजर के लिए अगस्त और सितंबर का महीने उपयुक्त है। यह क्रम उत्तर भारत और दक्षिण भारत के लिए अलग-अलग होता है।
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About the author
Alok Bhagat
Architect

Creative thinker from Maulana Azad National Institute of Technology, Bhopal, this young designer believes architecture as a character which gives people a different way of looking at their surroundings. He has devoted significant time on the main deck assisting senior architects from the very beginning.Currently working on a follow-up to his upcoming designs, Alok Bhagat does not like being limited or defined by a particular style and his design style is intuitive and changes with every project.

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