Onal Kothari
Architect
Anchor - Onal Kothari
Photo Courtesy : Pixabay

आपके घर में अगर छोटा सा भी लैंड स्पेस है, जहां आप खुद के लिए आर्गेनिक फार्मिंग कर सकते हैं, तो यकीन मानिए इससे अच्छी कोई बात नहीं। लेकिन इस सुविधा के साथ जुड़ती है सुरक्षा भी। फूलों के पौधों की तरह  ऑर्गेनिक फार्मिंग में भी हर मौसमी प्रजातियों की सब्जियों को, उनकी तासीर के अनुसार अलग-अलग तरह की देखभाल की आवश्यकता होती है। इस कार्बनिक खेती में आमतौर पर जो गलतियां होती हैं, उनके बारे में जानकारी दे रही हैं ओनल कोठारी, जिनसे सीख लेकर हम अपने किचन गार्डन को सुरक्षित रख सकते हैं और स्वस्थ सब्जियां प्राप्त कर सकते हैं…

  1. मौसम आने से पहले या निकल जाने के बाद रोपना
    जिस तरह घर में इस्तेमाल होने वाली कुछ चीजें, जैसे गर्मी में कूलर और सर्दी में हीटर, मौसम के अनुसार ही इस्तेमाल किए जाते हैं, ठीक उसी तरह पौधों को भी जलवायु के अनुसार ही धैर्य रखकर रोपना चाहिए। भले ही आपने अपने पसंदीदा ठंड में उगाई जाने वाली सब्जियों के बीज को मौसम आने के महीनेभर पहले ही क्यों न खरीद रखा हो, फिर भी उनके संतुलित रूप से बढ़ने के लिए आपको सही जलवायु का इंतजार करना ही होगा।
  2. पर्याप्त सूर्य प्रकाश और पानी न मिलना
    गार्डनिंग में जगह का सही चुनाव महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, खासतौर से घर पर सब्जी का बगीचा तैयार करने के लिए। पाथवे और फूलों की क्यारी को जैसे योजनाबद्ध तरीके से बनाया जाता है, उसी तरह वेजीटेबल गार्डनिंग की प्लानिंग में भी नैचुरल लाइट, पेस्ट कंट्रोल, बच्चों और पालतू की पहुंच से दूर रखने जैसी जरूरी बातों का ख्याल रखने की जरूरत होती है। हम यह बात अच्छी तरह जानते हैं कि सब्जियों को पर्याप्त सूरज की रोशनी और पानी की जरूरत होती है अन्यथा उन्हें हर मौसम में बढ़ने में परेशानी होगी। इस लापरवाही का परिणाम ये हो सकता है कि फलों की मात्रा कम होगी और लगने वाले गिने-चुने फल स्वाद में भी मीठे नहीं होंगे।
  3. मिट्टी की गुणवत्ता
    पौधों का भोजन अच्छी मिट्‌टी भी होती है। जितनी अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्‌टी, उतना अच्छा विकास। मिट्‌टी के मामले में की गई लापरवाही एक और गलती है, जो होम गार्डनिंग सिस्टम को बिगाड़ सकती है। एक अनुभवी और गार्डन पसंद व्यक्ति हमेशा बगीचे की मिट्टी की गुणवत्ता के प्रति सचेत रहता है। अच्छी मिट्टी, गुणवत्तापूर्ण फसल और उसके पोषक तत्वों के बीच सही संतुलन बैठाती है।
  4. समय पर कटाई
    सब्जियां और फूल परिवार में नन्हे बच्चों की तरह हैं, जिन्हें जड़ों से अलग करना हमेशा मुश्किल होता है, लेकिन हमेशा बेहतर विकल्प के लिए यह करना जरूरी हो जाता है। विकसित सब्जियों को हटाकर अलग-अलग पौधों को लगाने की जरूरत होती है। कई बार लोग ऐसी गलती करते हैं कि कुछ पौधों से भावनात्मक लगाव के चलते उन्हें लंबे समय तक काटते नहीं है, लगा रहने देते हैं। याद रखिए, समय पर फसल की कटाई न करने से आपके बगीचे में पेड़-पौधे और फसलों की उगाई धीमी हो जाएगी।
  5. जरूरत से ज्यादा पौधे लगाना
    जगह की उपलब्धता को देखते हुए ही पौधों की संख्या हो। जरूरत से ज्यादा पौधे लगाने से सभी पौधों के विकास में बाधा आएगी। उन्हें कम जगह मिलने से पोषण भी कम मिल पाएगा। पर्यावरण और मौसम की स्थिति के अनुसार प्रत्येक पौधे को स्थिर विकास के लिए पर्याप्त दूरी के साथ लगाया जाना चाहिए। सब्जियों को एक विशेष जगह में बाउंड्री लगाकर लगाना चाहिए, ताकि बगीचा साफ भी दिखे और सुरक्षित भी रहे।
  6. जगह को अनदेखा करना
    इसी श्रेणी में एक और अहम भाग है – जगह का गलत चयन। प्रत्येक पौधे को बढ़ने के लिए अलग-अलग जगह की जरूरत होती है, जिससे वे सही तरीके से विकसित हो सकें। बहुत ज्यादा जगह छोड़कर पौधे लगाने से बगीचे की सुंदरता भी बिगड़ती है और पौधों की सेहत भी। वहीं, जहां कुछ और पौधों को भी जगह मिल सकती है, वह जगह अव्यवस्थित होने से छूट जाती है। टमाटर, मिर्च, मकई जैसे पौधों की शाखाएं बाहर की तरफ निकलकर अपने चारों ओर की जगह पर कब्जा करती हैं। एक तयशुदा जगह को मौसमी सब्जियों के लिए तैयार रखें, ताकि हर 3 से 4 महीने में दोबारा उस जगह को उपयोग में लाया जा सके।
  7. फसल लगाने के समय में लापरवाही
    रणनीति बनाकर काम करने से हर काम में सफलता मिलती है। इस बात को हर जगह लागू किया जाना चाहिए। हर मौसम में एक ही एक सब्जी लगाना या बगीचे में जरूरत से ज्यादा पौधे लगाने से फसलों की गुणवत्ता और पोषण में कमी आती है। फसलों को समय पर लगाने के लिए कुछ प्लानिंग करनी होंगी, साथ ही सिलसिलेवार पौधा रोपण करने के साथ-साथ और भी वैरायटीज़ लानी होंगी, जो अलग-अलग समय पर विकसित होकर बगीचे को फायदा पहुंचाती हों।
  8. रखरखाव की अनदेखी
    यदि आप एक हेल्दी गार्डन चाहते हैं, तो आपको खरपतवार, खाद और पानी यानी Weeding, Feeding और Watering जैसी जरूरी बातों का नियम से पालन करना चाहिए। खाद कैसे डालना है और पानी देने का तयशुदा समय क्या होना चाहिए, आदि बातों का ध्यान रखकर आप सभी मौसम में पौधों को विकसित कर सकते हैं। लेकिन सब्जियों के पौधों को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है, नहीं तो वह मुरझाने लगते हैं।
  9. बाड़ लगाने में की गई लापरवाही
    बाड़ यानी फेंसिंग आपकी सब्जियों के पौधों के लिए हर समय ढाल का काम करती हैं। बगीचे को कवर करती हुई लगाई गई फेंसिंग पौधों को सुरक्षित माहौल में बढ़ने में मदद करती है। न जानवरों के घुस जाने से उन्हें नुकसान का खतरा रहता है, न पड़ोसियों के बच्चों से छेड़खानी का डर और न ही पालतू ही उन्हें कोई नुकसान पहुंचा पाते हैं। यही नहीं, पालतू व अन्य पशुओं के वेस्ट मटेरियल से भी आपका बगीचा हमेशा बचा रहेगा।
  10. छोटी समस्याओं को नजरअंदाज करना
    क्या आप उन गार्डनर्स में से एक हैं, जो पौधों की नियमित देखभाल जरूरी नहीं समझते? जैसे पौधों में पीली पत्तियों का आ जाना, हरे दाग, या कुछ सूखी-कच्ची पत्तियों का पॉट में रहना, वगैरह-वगैरह। अगर रोजाना उन पौधों पर नजर नहीं रख सकते, तो भी बीच-बीच इन्हें जांचते रहना जरूरी हो जाता है।
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About the author
Onal Kothari
Architect

Onal Kothari started her design career with commercial interior designing. She is an architect, blogger, traveller , urban sketcher and imaginator. She interned with Laurie Baker architects and worked for Avnish Singh Design before venturing out on her independent working. Started working on interior architecture projects quite early in her career, she believes that all the designers have the perfect project in their mind and they follow it in every step of their career.

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