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घर को बनाना जितना कठिन काम होता है, उसे सजाना उससे भी बड़ा चैलेंज होता है। जेब को देखते हुए सजावट करना अक्लमंदी का कम है, लेकिन इस फेर में मार्केट से कुछ भी न उठा लाएं। डेकोरेशन के लिए इस्तेमाल होने वाली हर चीज का संबंध आपकी पसंद, और कंफर्ट से होना जरूरी है, बता रहे हैं मनमोहन खन्ना…
- पहला नियम
डेकोरेशन करने से पहले सबसे पहले नियम का ध्यान रखें कि घर में आना वाला हर सामान आपकी सुविधा के अनुसार हो, न कि दूसरे की। अपने घर की तासीर को आपसे बेहतर कोई नहीं जानता, इसलिए जो भी खरीदा जाए, बजट और सुविधा को ध्यान में रखकर खरीदा जाए। - दूसरा नियम
फर्नीचर खरीदते समय यह भी ज़ेहन में जरूर रखें कि फर्नीचर के कॉर्नर शार्प न हों। घर में मौजूद छोटे-बड़े सभी उम्र के लोगों का ध्यान रखना होता है। इस श्रेणी में राउंड टेबल बेहतर उदाहरण है, जो आकर्षक भी है और कॉर्नर का चक्कर भी नहीं। इसके अलावा फर्नीचर का रंग भी कमरे की खूबसूरती को खास बना देता है। - तीसरा नियम
कलर कॉम्बिनेशन, महत्वपूर्ण पहलू है। होम डेकोरेशन में इस बात का खास ख्याल रखें। घर का हर सामान एक-दूसरे से मैच करता हो, यह अब जरूरी नहीं। मिक्स एंड मैच का दौर है, डेकोरेशन में ट्रेंड पर भी ध्यान दें। - चौथा नियम
मत भूलिए कि दीवारें सब कहती हैं। दीवारों का रंग मन को सुकून देने के साथ घर को रोशन भी करता हो, इस बात को नजरअंदाज न करते हुए पेंट कलर चुनें, जैसे अगर वाइट कलर चुना है, तो इस वाइट में भी कई शेड्स मार्केट में उपलब्ध होंगे, जिन्हें पिंक, ब्लू के अलावा और भी कई तरह के कलर में आसानी से कॉम्बिनेशन किया जा सकता है। - पांचवां नियम
इंटीरियर करते वक्त इस बात का ख्याल विशेष रूप से रखा जाना चाहिए कि फर्नीचर का प्रकार इस तरह का हो, जिसे समय-समय पर एक जगह से उठाकर दूसरी जगह पर स्थानांतरित किया जा सकता हो। फर्नीचर की अदला-बदली कमरे के साथ-साथ मूड को भी फ्रैश बनाए रखती है।