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फ्लैट कॉन्सेप्ट आने के बाद प्राइवेसी के तौर पर आउटडोर डाइनिंग एरिया लगभग कम हो गया था। जगह और वक्त की कमी के कारण एक साथ बाहर बैठकर खाने का मजा लेना भी बंद हो गया। मगर आर्किटेक्ट और इंटीरियर डिजाइनर आराधना मोहिले आउटडोर डाइनिंग को तरजीह देते हुए कुछ टिप्स बता रही हैं, जो आउटडोर डाइनिंग को लेकर आपका क्रेज फिर बढ़ा देंगे….
- ओपन एरिया में विशेष तरह का फर्नीचर, गमले, लाइट्स, फ्लोरिंग, टाइल्स का कॉम्बिनेशन किया जाता है। कॉन्सेप्ट के हिसाब से स्टील, कास्ट आयरन, लकड़ी, पत्थर और कांच का फर्नीचर यूज कर सकते हैं।
- फ्लोरिंग में नैचुरल दूब, कारपेट ग्रास, फर्शी और घास का कॉम्बिनेशन, पेविंग ब्लॉक्स, पेविंग टाइल्स, डेक फ्लोरिंग, सीमेंट फ्लोरिंग, वुडन फ्लोर, तरह-तरह के पत्थर, ऐसे बहुत सारे ऑप्शन हैं। इनमें पानी ड्रेन होने के लिए स्कोप का अवश्य ख्याल रखें।
- धूप और धूल से बचने के लिए पीवीसी क्लॉथ डालें, टाट, चटाइयां इत्यादि उपयोग में लाए जा सकते हैं। इनके आजू-बाजू सुंदर गमले, कुछ म्यूरल्स, वर्टिकल गार्डन लाइट्स, पानी के फव्वारे लगाकर खूबसूरती को बढ़ाया जा सकता है। इसी में अगर हल्का म्यूजिक चलता रहे, तो क्या बात है।
- सिटिंग के एक तरफ अगर दीवार मिलती है, तो उसे भी अपने कॉन्सेप्ट के अनुसार पेंटिंग, स्टोन क्लेडिंग और लाइट्स से सजाया जाता है।
- घर की बालकनी में एक झूला जरूर लटका दें। उसे अपने हिसाब से कलरफुल रिबन, धागे, रस्सी और आर्टिफिशियल फूल-पत्तियों से डेकोरेट करें।
- गार्डन में ही कहीं एक जगह पिंजरा भी टांग दें। जहां से हवा आती-जाती है, वहां विंड चाइम्स भी लगाएं। इससे घर में प्रसन्नता और उत्साह संचारित होता रहेगा।
- बगीचे में छोटा पॉन्ड बनवाकर उसे सुंदर ब्लू कलर की ग्लास टाइल्स लगाकर सजा दें। उसमें पानी भरकर रंगीन मछलियां छोड़ दें। कुछ बड़े शंख-सीपियां और वॉटर प्लांट्स रख दें। उस पर टफन ग्लास रखकर फ्लोर बना दें। इस जगह पर टेबल-चेयर्स रखकर सिटिंग बनाई जा सकती है। शाम को अंदर की लाइट्स जलाने पर खूबसूरत नजारा दिखेगा। इसे फिश एक्वेरियम के साथ इसे ऑक्सीडेशन कर दें, इसमें कम मेंटेनेंस आएगा।
- आजकल डिजाइनर पीवीसी टाइल्स मिलती हैं। उन पर जगह के हिसाब से डिजाइंस बनकर आते हैं। इन्हें भी हम फ्लोरिंग के लिए यूज कर सकते हैं। ध्यान दें कि ये ऊपर से कवर्ड रहे, तो बहुत दिन टिकेगी। बालकनी फ्लोर के लिए यह अच्छा ऑप्शन है।
- रीसायकल मटेरियल जैसे प्लास्टिक की बॉटल्स, गाड़ी का जंक, टूटे-फूटे डिब्बे इन सबको जोड़कर उनमें रेत भरकर और पेंट करके हम टेबल-कुर्सी, पॉट्स, बॉर्डर्स और वॉल व इनमें हैंगिंग प्लांट्स लगा सकते हैं।
- लकड़ी के टुकड़े, बिडिंग, प्लांक के टुकड़े, बांस, कपड़े के टुकड़े, रिबन्स, दुपट्टे, इन्हें जोड़कर, पेंट करके हम स्क्रीन बना सकते हैं, जो धूल से बचाता है और प्राइवेसी भी देगा। शाम को इन्हीं स्क्रींस पर आप एलईडी लाइटिंग करके और खूबसूरत बना सकते हैं।