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कर्मिशियल स्पेस या किसी भी तरह की रियल एस्टेट प्रॉपर्टी की खरीदी के लेन-देन में बहुत सारी बातें मायने रखती हैं। किसी पसंदीदा शॉपिंग सेंटर से पेंट खरीदना और ऑफिस स्पेस (या बिल्डिंग) खरीदना दो अलग-अलग बातें हैं। कई फैक्टर्स, कंडीशन और प्रॉपर्टी से जुड़ी सावधानियां हैं, जिन्हें डील साइन करने से पहले ध्यान में रखना होगा। माना कि लोकेशन, सुविधा और कीमत, मुख्य मुद्दे हैं, जो तय करते हैं कि फलां प्रॉपर्टी/कमर्शियल स्पेस को खरीदते वक्त ज़हन में होनी चाहिए। लेकिन इसके साथ ही यह भी मायने रखता है कि आपका व्यक्तिगत लक्ष्य क्या है। क्या आप उस जगह को अपने खुद के बिजनेस के लिए खरीद रहे हैं, या फिर केवल उस जगह को खरीदकर किराए से देना चाहते हैं। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि जो भी प्रॉपर्टी आप खरीद रहे हैं, वह निवेश के तौर पर सही है या नहीं। इन सब बातों के लिए 3 मुख्य फैक्टर्स को तवज्जो देनी होगी…
- बिल्डिंग कंडीशन एसेसमेंट
किसी भी महत्वाकांक्षी खरीदार या निवेशक को रियल प्रॉपर्टी के चयन और खरीद में बहुत सावधानी रखनी होगी। यह सुनिश्चित करने के अलावा कि प्रॉपर्टी सही कंडीशन में है या नहीं, बिल्डिंग को स्टैंडर्ड मटेरियल (मानक सामग्री) के साथ बनाया गया है या नहीं जरूरी समझ लें, साथ ही यह भी जानना महत्वपूर्ण होगा कि प्रॉपर्टी की हिस्ट्री क्या है?
संपत्ति के इतिहास की भी समीक्षा की जाती है, जिसमें यह जांचना शामिल है कि क्या संपत्ति को अधिग्रहण किया गया है या नहीं (या वर्तमान में एक ग्रहणाधिकार के अधीन है), या पिछले मालिक ने इसे अभी भी भुगतान न किए गए ऋण के साथ इसे बेचा है। इस प्रक्रिया में हुई अनदेखी की कोई जानकारी आपको मिलती है, तो यह निर्णय लेना आसान हो जाता है कि उस प्रॉपर्टी को खरीदना बेहतर होगा या नहीं। इससे आप इस बात के लिए भी तैयार हो जाएंगे कि उस प्रॉपर्टी पर सुधार कार्य जैसा कोई अतिरिक्त खर्चा या अन्य भार भी है। बैंक, लैंडर्स/रियल एस्टेट फायनेंसर्स वाले पहलुओं पर बिल्डिंग कंडीशन एसेसमेंट की आवश्यकता होती है।
एसेसमेंट प्रोसेस में लगभग 30 दिन का समय लगता है। यह समय शुरू हो, इससे पहले आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके पास प्रॉपर्टी से जुड़े सभी जरूरी कागजात हैं या नहीं। प्रॉपर्टी सेलर आपको इंश्युरेंस पॉलिसीज़, टेनेंट कॉन्ट्रेक्ट्स, मेंटेनेंस, टेक्स डिक्लेरेशन जैसे कई सारे डॉक्यूमेंट्स उपलब्ध करेगा। और अगर प्रॉपर्टी सेलर इन डॉक्यूमेंट्स में से किसी भी कागज को देने में आनाकानी करता है, तो समझिए कुछ गड़बड़ है। यानी आपको सोच-समझकर फैसला लेना होगा। - लेआउट, रिनोवेशन और सुधार कार्य के साथ अन्य खर्चे (टेक्स को मिलाकर)
कमर्शियल एरिया खरीदने के लिए न सिर्फ हजारों-लाखों के पैसे के बारे में सोचना होता है, बल्कि और भी बहुत सी बातों के बारे में सोच-विचार करना होता है। जगह के लिए पैसे देने के अलावा फर्निशिंग आदि व्यय के बारे में ध्यान रखना होता है। जरूरत पड़ने पर रिनोवेशन का खर्चा भी रहता है, और सुधार कार्य होना हुआ, तो मजदूरी का बजट भी निकालकर रखना होता है। प्रॉपर्टी टेक्स, जो कि एरिया या लोकेशन के हिसाब से अलग-अलग होगा, के साथ अतिरिक्त खर्चों के बारे में भी सोच-समझ लेना जरूरी होता है।
प्रॉपर्टी खरीदते वक्त और खरीदने के बाद होने वाले इन खर्चों को अगर पहले ही नोट न किया गया, तो बाद में तनाव की स्थिति बन जाती है। इस बजट की योजना बनाने के बाद, आपको एक सही और विश्वसनीय बिल्डर/कॉन्ट्रेक्टर की जरूरत होगी, जो प्रॉपर्टी के जरूरी इंप्रूवमेंट और रिनोवेशन का काम बखूबी कर सके। इस काम के लिए आप किसी जाने-माने व्यक्ति को ही चुनें, जिसका बैकग्राउंड और काम आपको भलीभांति पता हो। चयन के बाद आप उसे अपने कमर्शियल स्पेस के लेआउट और प्लानिंग की जिम्मेदारी सौंप सकते हैं। इसके बाद आपको कर्मचारियों/टेनेंट की सुविधाओं को ध्यान में रखकर डिजाइन को फाइनल करना होगा।
- फायनेंसिंग ऑप्शन
और लास्ट बट नॉट द लीस्ट, मुख्य बात है– फायनेंस की। केवल एक ही बैंक/लैंडर को फायनेंस के लिए फाइनल कर लेना, जल्दबाजी होगी। बेहतर होगा, एक से ज्यादा बैंकों की फायनेंस पॉलिसीज़ को समझना, फिर सभी को एक-दूसरे के साथ कंपेयर करके ही फायनेंस इशु को फाइनल करें। जांच लें कि कौन-सा बैंक बेहतर और उचित ब्याज दर और पेमेंट स्कीम दे रहा है।
लोन अप्रूवल के लिए जरूरी फायनेंशियल स्टेटमेंट्स और अन्य सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स पहले ही तैयार कर लें। साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि बिजनेस पेपर्स और लाइसेंस को मिलाकर लोन के लिए किसी भी डॉक्यूमेंट की प्रोसेस को कंप्लीट करने में काफी समय लगेगा। इसके साथ ही प्रॉपर्टी की सेफ्टी भी एक पहलू है।
बिल्डिंग कंडीशन एसेसमेंट के अंतर्गत इस बात पर भी ध्यान दें। बेहतर होगा इसकी जांच व्यक्तिगत ही की जाए, जैसे उस जगह पर फायर हाइड्रेंट्स, फायर एक्ज़िस्ट, अलार्म बैल्स, और फर्स्ट-एड सप्लाइज़ जैसे जरूरी, सुरक्षित और इमर्जेंसी सुविधाएं व उपकरण हैं या नहीं।
यही नहीं, ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों के वाहनों के लिए पार्किंग स्पेस की उचित व्यवस्था और भविष्य में अगर किराए से देते हैं, तो उसको ध्यान में रखते हुए सही प्रबंधन है या नहीं, जांच लें। प्रॉपर्टी के आस-पास अन्य ऑफिसेस या शॉप हैं या नहीं? यह भी देखें, क्योंकि इससे आपके बिजनेस या किराए से देने पर फायदे के आसार होते हैं। पर्याप्त कंफर्ट रूम और रीक्रिएशन एरिया हो, प्रॉपर्टी जिस जगह पर है, वह मेन रोड से कितने नजदीक है, आदि। इन सब बातों को ध्यान में रखकर ही किसी जगह को खरीदने की योजना बनाई जानी चाहिए।