Pranay Chugh
Biotechnologist
Anchor : Priya Arya
Photo Courtesy : besthomdec.com

पचिरा एक्वाटिका मनी ट्री प्लांट, जिसे आम बोलचाल की भाषा में मनी प्लांट भी कहा जाता है। हर तरह के वातावरण वाले घर में बहुत आसानी से अपनी जगह बना लेने वाले इस पौधे की देखभाल एक अहम विषय है। आइए जानें घर में सबके आकर्षण का केंद्र बनने वाले इस पौधे की देखभाल के कुछ जरूरी टिप्स ….

  1. कहा जाता है कि घर में लगा यह मनी प्लांट घर में सुख-समृद्धि का सूचक माना जाता है, इसलिए पचिरा एक्वाटिका को मनी प्लांट निकनेम दिया गया। फेंगशुई में इसे घर में रखना शुभ माना जाता है। जो लोग पहली बार इंडोर प्लांट लगाने जा रहे हैं, उनके लिए मनीप्लांट बेस्ट ऑप्शन माना जाता है।
  2. अन्य प्लांट्स की तरह इन्हें भी पर्याप्त पानी देते रहने की जरूरत होती है। बस ध्यान ये रखें कि इनके लिए लंबे समय तक जरूरत से ज्यादा पानी नुकसानदायक हो सकता है। इससे जड़ें भी कमजोर होती हैं और प्लांट खराब हो सकता है। हालांकि सर्दियों के मुकाबले गर्मियों में पानी की मात्रा बढ़ा दें।
  3. हफ्ते दो हफ्ते में एक बार प्लांट की मिट्‌टी को चैक करते रहें। मिट्‌टी में अगर पानी की मात्रा ज्यादा लगने लगी हो, तो उसे हल्का सुखा दें। लेकिन ध्यान दें कि मि‌ट्टी पूरी तरह से सूखी न हो जाए। हल्की नमी वाली खाद प्लांट के लिए बेहतर होगी। बेस्ट तरीका है पॉट के नीचे एक होल कर दें, ताकि अतिरिक्त पानी निकल जाए।
  4. दूसरा महत्वपूर्ण फैक्टर है- ह्यूमिडिटी। हवा से पर्याप्त ह्यूमिडिटी न मिलने पर मनीप्लांट की पत्तियां ब्राउन हो जाती हैं, यानी सूखने लगती हैं। यह सेंसिटिव प्लांट माना जाता है, हवा के टेंपरेचर में बदलाव से सूखने भी लगता है।
  5. ज्यादा गर्म और ज्यादा ठंडा वातावरण इन पर जल्दी असर डालते हैं। प्लांट को घर के खिड़की-दरवाजों से दूर रखकर सुरक्षित किया जा सकता है।
  6. मनीप्लांट अगर घर के बाहर रखा है, तो ध्यान रखें कि 40 डिग्री फॉरेनहाइट से नीचे का तापमान होने से पहले उसे अंदर ले आएं। सूर्य की तेज किरणें सीधे प्लांट पर नहीं पड़नी चाहिए, वरना पत्तियां जल सकती हैं।
  7. घरेलू मनी प्लांट के लिए कभी भी रसायनिक कीटनाशक दवा का इस्तेमाल न करें, बजाए ये प्लांट और आपके दोनों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। बजाए इसके ऑर्गेनिक पेस्ट कंट्रोल मेथड का उपयोग करें। ऑर्गेनिक नीम ऑइल, नैचुरल पेस्टीसाइड है। यहां तक कि मनी प्लांट के लिए हॉर्टीकल्चरल ऑइल भी बेहतर होगा।
  8. समय-समय पर प्लांट की कांट-छांट करना भी जरूरी है, ताकि नई ब्रांच को आने में परेशानी भी न हो और वे ठीक तरह से शेप भी ले सकें।
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About the author
Pranay Chugh
Biotechnologist

<span style="color: rgb(34, 34, 34); font-family: arial, sans-serif; font-size: 12.8px;">Pranay Chugh is the owner of a plant nursery in Bhopal. With a work experience of 10 years, he has a wide knowledge of different types of plants, their propagation and maintenance. Pranay has also worked as a consultant in many private and government projects.</span>

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