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ग्रिल खूबसूरती तो बढ़ाती हैं, सिक्युरिटी भी देती हैं। विंडो ग्रिल दो तरह की होती हैं - बाहर से फिट की हुई और अंदर से फिट की हुई। बाहरी फिटिंग वाली विंडो ग्रिल आमतौर पर कमर्शियल बिल्डिंग्स, बेसमेंट विंडो वगैरह में लगाई जाती हैं। वहीं दूसरे तरह की ग्रिल स्क्रीन की तरह काम करती हैं और कई तरह की डिजाइन व अलग-अलग सिक्युरिटी लेवल के हिसाब से अवेलेबल होती हैं। आर्किटेक्ट अमन गांधी विंडो ग्रिल के लिए तरह-तरह के मटेरियल के बारे में जानकारी दे रहे हैं...
1आयरन (लोहा):
ग्रिल के लिए यूज किए जाने वाले दूसरे मटेरियल्स के मुकाबले लोहा सबसे मजबूत और भारी होता है। इसे कई तरह के शेप में मोल्ड किया जा सकता है और ये सस्ता भी पड़ता है। हालांकि ज्यादा नमी और हवा के संपर्क में आने पर इसमें जंग लग सकती है। इसे जंग से बचाने के लिए समय-समय पर पेंटिंग और मेंटेनेंस की जरूरत पड़ती है, जो कि खर्चीला काम है।
2कास्ट आयरन (कच्चा लोहा) :
ये कई तरह के शेप, डिजाइन और पैटर्न में अवेलेबल होता है। ये काफी टिकाऊ होता है और अगर ठीक तरह से देखभाल की जाए, तो मौसम की मार भी झेल सकता है। इस मटेरियल को नमी से बचाना जरूरी होता है।
3ढलवां लोहा (Wrought iron) :
जहां तक प्रॉपर्टीज का सवाल है रॉट आयरन की विंडो ग्रिल, कास्ट आयरन की ग्रिल के समान ही होती हैं, लेकिन इनकी मोटाई और मजबूती में अंतर होता है। चूंकि ये थोड़ी पतली होती हैं, इसलिए इन्हें आसानी से मोड़कर इनसे कई डिजाइन और स्ट्रक्चर बनाए जा सकते हैं। ये ज्यादातर डेकोरेटिव यूज़ में आती हैं।
4स्टील :
ये काफी टिकाऊ होता है और बाहरी व अंदरूनी स्पेस में देखने में काफी अच्छा लगता है। इसमें कई पैटर्न अवेलेबल होते हैं। स्टील ग्रिल काफी मजबूत और हेवी होती हैं और ये मौसम की मार भी झेल सकती हैं।
5स्टेनलेस स्टील :
ये मटेरियल स्टील से ज्यादा महंगा होता है। आयरन की तुलना में ये ज्यादा खूबसूरत दिखता है। इसको ज्यादा मेंटेनेंस की जरूरत भी नहीं होती। नमी और मौसम का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता और इसमें जंग भी नहीं लगती। स्टील के बजाय इसे ज्यादा प्राथमिकता दी जाती है।
6सेंडस्टोन :
इस सॉफ्ट स्टोन का इस्तेमाल खूबसूरत नक्काशीदार ग्रिल्स बनाने के लिए किया जाता है। इसमें शटर की जरूरत नहीं होती क्योंकि ग्रिल से ही अच्छा वेंटिलेशन हो जाता है। ये कई पैटर्न और कलर्स में मिलते हैं।
7हल्का स्टील :
ये मटेरियल सस्ता होता है और आसानी से उपलब्ध हो जाता है। ये सिम्पल डिजाइंस जैसे सीधी छड़ों और चौकोर आकार में मिलता है। हालांकि ये स्टेनलेस स्टील जितना मजबूत नहीं होता।
8एल्युमिनियम :
ये मेंटेन करने में आसान और टिकाऊ होता है। ये ग्रिल के सभी मटेरियल ऑप्शन में सबसे हल्का होता है और कई डिजाइन्स में मिलता है। इसमें जंग भी नहीं लगती और ये आसानी से खराब नहीं होता। ये किचन विंडो में ज्यादा उपयोग होता है। इसकी खामी ये है कि ये आयरन और स्टील की तुलना में ज्यादा मजबूत नहीं होता और आसानी से कट जाता है।
9लकड़ी :
ये ज्यादातर हाई बजट घरों में यूज की जाती है क्योंकि ये रिच नेचर की होती है और दिखने में काफी खूबसूरत लगती है। वुडन ग्रिल्स के फिक्स्ड और हटाए जा सकने वाले वर्जन मिलते हैं, लेकिन ये सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं होते। इसके अलावा लकड़ी को रेग्युलर पॉलिश और पेंट किए जाने की जरूरत भी होती है। दूसरे मटेरियल्स की तुलना में इसकी मेंटेनेंस कॉस्ट ज्यादा होती है।