Anchor: Priya Arya
Photograph: Aman Gandhi
- पत्थर जड़ना : वर्तमान दीवार पर सीमेंट, कांक्रीट और लोहे के स्ट्रक्चर की सहायता से या फिर क्लैम्प और बोल्ट के जरिए पत्थर फिक्स किए जा सकते हैं। कई तरह के नैचुरल स्टोन भी इस तरीके से दीवार पर जड़े जा सकते हैं, जैसे सैंड स्टोन, ग्रेनाइट, मार्बल वगैरह...।हालांकि इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस नैचुरल स्टोन का सिलेक्शन किया है, उसे बाहरी मौसम की मार भी झेलनी पड़ेगी। यानी अगर पत्थर लगाने का काम सही ढंग से नहीं हुआ, तो उसके अंदर पानी का रिसाव हो सकता है। इससे बचने के लिए आप स्टोन के शेप वाले आर्टीफीशियल टाइल्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। ये दिखने में एकदम नैचुरल स्टोन की तरह ही लगते हैं।
- टाइल्स लगाना : टाइल्स को सतह पर सीधे सीमेंट या किसी फिक्सिंग एजेंट की सहायता से लगाया जा सकता है। टाइल्स लगाने का फायदा ये है कि ये पानी के रिसाव से बचाते हैं और देखने में काफी सुंदर लगते हैं। इनकी ढेरों वैरायटी मिलती हैं। ये इस्तेमाल और लगाने में काफी आसान होते हैं।
- ईंटें लगाना : इन्हें सतह पर खूब सारी सीमेंट कांक्रीट के इस्तेमाल से लगाया जा सकता है। इन्हें अपनी मर्जी के कलर में रंगा जा सकता है। ईंटों की भी कई वैरायटी मिलती हैं।
- पीवीसी और डब्लूपीसी : इन मटेरियल के कम्पोजिशन में लकड़ी या प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। इन्हें ट्रीटमेंट के जरिए वेदर रेजिस्टेंट बनाया जाता है। इनको दीवार के बीच में थोड़ा गैप देकर लगाया जाता है, जिससे गर्मी से बचाव होता है।
- टेक्स्चर्ड पेंट : ये प्लास्टर की हुई दीवार पर सीधे लगाए जाते हैं। इनसे कई तरह की डिजाइन और इफेक्ट क्रिएट किए जा सकते हैं।
- ग्लास : आमतौर पर सामने की तरफ लगाने के लिए टफन्ड ग्लास का इस्तेमाल किया जाता है। ये पानी से बचाने का भी काम करता है। अगर इसमें स्पेशल ट्रीटमेंट किया जाए, तो ये हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणों और गर्मी को रोकने का भी काम करता है। ये कई तरह के शेड्स में आता है और इसे अलग-अलग शेप दिया जा सकता है।
- इन्सुलेटेड और पर्फोरेटेड पैनलिंग : इस तरह के पैनल्स सीधे किसी बेस स्ट्रक्चर की सहायता से दीवार पर लगाए जा सकते हैं। ये गर्मी और शोरगुल को रोकने का काम करते हैं।
- एसीपी पैनलिंग : एल्युमिनियम कम्पोजिट पैनल भी दीवार पर बेस स्ट्रक्चर की सहायता से सीधे ही लगाए जा सकते हैं। ये कई कलर्स और शेड्स में मिलते हैं। ये काफी हल्के होते हैं और शोर, गर्मी और अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से सुरक्षा देते हैं।