Deepa Agarwal
Architect
Anchor: Priya Arya
Photographs: Shutterstock

कहीं-कहीं घर में प्रवेश करते ही कुछ स्पेस नजर आता है, उस एंट्रीवे या एंट्रेंस के अंदर की जगह को फॉयर कहते हैं। इसे यूनीक स्पेस के तौर पर लेकर सजाना, घर के इंटीरियर को खास बना सकता है। कुछ लोगों को ये फॉयर स्पेस   दोमंजिला घर होने से सीढ़ियों के पास मिल जाता है, वहीं कुछ लोगों के पास एंट्रेंस डोर तक जाने लायक फॉयर स्पेस होता है। ये स्पेस, शेप और साइज में अलग-अलग हो सकते हैं। आर्किटेक्ट दीपा अग्रवाल बता रही हैं इन फॉयर स्पेस को सजाने के विभिन्न तरीकों के बारे में ...
 

1. अगर आपके घर की एक सुनिश्चित एंट्री है, तो फर्नीचर का डिजाइन और अरेंजमेंट इस तरह करें- डबल साइड बुकशेल्फ, कंसोल, बैठक व्यवस्था और फर्निशिंग इस तरह का आभास करे जैसे कि एक ही हैं। एक साधारण कालीन, या फिर फ्लोरिंग के डिजाइन में चेंज या पेंडेंट लाइटिंग के जरिए इस जगह को और भी खूबसूरत बनाया जा सकता है। इससे यह जगह अलग लगेगी, एक सुनिश्चित एंट्रेंस क्रिएट करेगी और घर के दूसरे कमरों के मुकाबले अलग सजावट होगी।  

2. जैसा कि गलियारे में हमेशा आवाजाही लगी रहती है, इस बात का ध्यान रखें कि वहां पर मजबूत और टिकाऊ कालीन या मैट बिछी हो, जिसे बाहर झटकारा जा सके, आसानी से वैक्यूम क्लीन किया जा सके या वॉश किया जा सके। इसी तरह फर्श भी आसानी से साफ किया जा सकने वाला होना चाहिए। आप सिंगल कारपेट की जगह कारपेट टाइल्स इस्तेमाल कर सकते हैं, जिन्हें अलग-अलग वॉश किया जा सकता है। आप इन्हें अलग-अलग पैटर्न में अरेंज करें, ताकि खराब होने पर बदला भी जा सके।

3. अगर आप ऐसी जगह रहते हैं, जहां पर ज्यादा धूल-मिट्‌टी घर के अंदर आती हो, वहां दरवाजे के बाहर हैवी मैट (नारियल के जूट की बनी) रखें और अंदर एक और कपड़े की मैट रखें। फर्श का कलर और टेक्सचर (पोर्सलीन टाइल पैटर्न्स, सादे या पॉलिश्ड स्टोन, कारपेट वगैरह) इस जगह को खास बनाते हैं, तो इनका चयन सावधानीपूर्वक करना चाहिए।

4. फॉयर स्पेस वह जगह होती है, जहां पर आप अम्ब्रैला, शॉपिंग बैग, चाबियां वगैरह टांगते हैं। इस बात को सुनिश्चित करें कि वहां पर इन चीजों को रखने के लिए पर्याप्त स्टोरेज रैक्स हों। भारतीय घरों के हिसाब से एक बैंच, जिसमें स्टोरेज के लिए जगह बनी हो, गलियारे में रखने के लिए सबसे अच्छी चीज है, जिस पर आप बैठकर जूते पहन या उतार सकते हैं। अगर बैंच रखने की जगह न हो, तो आप दीवार में शू रैक बनवा सकते हैं।

5. फॉयर स्पेस की दीवारों पर आईने भी लगाए जा सकते हैं। एक तरफ जहां ये आईने रोशनी बढ़ाते हैं, वहीं घर से निकलने से पहले आप खुद को फिर से निहार सकते हैं। फ्रंट डोर को फेस करता हुआ आईना लगाना फेंग-शुई के नजरिए से खराब माना जाता है क्योंकि ये घर से पॉजिटिव एनर्जी को दूर रखता है।

6. इस जगह में पर्याप्त लाइट होना चाहिए, नैचुरल लाइट हो, तो ज्यादा बेहतर है। लाइट फिक्सचर्स का चयन सावधानी से करें क्योंकि ये आपकी पर्सनैलिटी दर्शाते हैं और जगह को बड़ा दिखाने में भी हेल्पफुल होते हैं। ओवरहेड लाइट्स के अलावा डाउनलाइटर्स और टेबल लैम्प्स का भी यूज किया जा सकता है।

7. यह स्पेस मनचाहे रंगों का उपयोग करने, पसंदीदा चीजों के कलेक्शन को प्रदर्शित करने का बेहतरीन प्लेस है। जगह के हिसाब से गलियारे का उपयोग पियानो, सेंटर टेबल जैसी चीजों को रखने के लिए किया जा सकता है। दीवार में आले बनाए जा सकते हैं या फिर कोई पेंटिंग या तस्वीर टांगी जा सकती है।

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Deepa Agarwal
Architect

Deepa Agarwal has done her M Arch (Urban Design) from CEPT, Ahmedabad. She is the partner of Designex and is associated with Architects Planners Urban Designers, Bhopal.

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