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वास्तु एंड फेंगशुई एक्सपर्ट राशि गौर सलाह दे रही हैं कि शू रैक की ऊंचाई भी वास्तु के हिसाब से होनी चाहिए। जितनी दूरी कमरे की छत और शू-रैक के बीच में है, उसके एक-तिहाई हिस्से की ऊंचाई पर ही शू-रैक रखा जाना चाहिए। अगर इससे ज्यादा ऊंचाई पर शू-रैक रखा जाए, तो इससे परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
- कभी भी शू-रैक को मुख्य दरवाजे पर न रखें। इसी मुख्य द्वार से घर में तरक्की आती है और यह रास्ता सकारात्मकता को प्रवेश देता है। अगर रैक रखने की और कोई जगह न हो, तो इसे दरवाजे से बाहर ही रख दें।
- दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम दिशा शू-रैक रखने के लिए सर्वश्रेष्ठ है। कभी भी रैक को उत्तर, पूर्वोत्तर या पूर्व दिशा में न रखें।
- जूते-चप्पल कभी भी बेडरूम में न रखें। इनसे उत्पन्न होने वाली नकारात्मकता वैवाहिक जीवन में परेशानियां ला सकती हैं।
- इसी प्रकार शू-रैक को कभी किचन या पूजाघर के आस-पास न रखें। किचन में जूते पहनकर जाने से सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
- घर में सभी को जूते व्यवस्थित तरीके से रखने की सलाह दें। साथ ही जूते कभी उल्टे न रखें। इससे घर में झगड़े बढ़ने की मान्यता है।
- शू-रैक बंद दरवाजों वाला होगा, तो बेहतर है, क्योंकि यह किसी प्रकार की नकारात्मकता को घर में प्रवेश नहीं करने देगा।
- रैक में जूते-चप्पल रखने से पहले भी उन्हें ठीक तरह से साफ कर लें। इससे नकारात्मकता दूर रहेगी और घर में खुशहाली रहेगी।