Photograph: Alok Bhagat
रिच और हेरिटेज होम, जो 1, 2 या तीन लेवल में पूरी तरह से पारंपरिक स्ट्रक्चर में तैयार होते हैं, हमें अपनी जड़ों से जोड़ते हैं। ट्रेडिशनल हाउस, अपनी हिस्ट्री और डिटेलिंग के चलते लोगों का ध्यान खींचते हैं, दूसरी तरफ कंटेंपररी हाउस खुली-खुली जगह, सिंपल फर्नीचर और कम ऑर्नामेंटल होने के कारण अट्रैक्टिव लगते हैं। आर्किटेक्ट आलोक भगत, कुछ ऐसे टिप्स हमारे साथ शेयर कर रहे हैं, जो ट्रेडिशनल घर को भी कंटेम्पररी लुक देने में मदद करेंगे…
- कम है बेहतर – कमरे से अनावश्यक चीजों को बाहर निकाल दें। डिस्प्ले के लिए रखी गई चीजें कम होनी चाहिए, मगर अट्रैक्टिव भी ।
- थ्रीसम कलर पैलेट – घर के अंदर या बिल्कुल गृह-प्रवेश के नजदीक 2 या 3 कलर से ज्यादा कलर का कॉम्बिनेशन न रखें। प्रकृति या प्राकृतिक तत्वों से मिलता-जुलता कलर कॉम्बिनेशन हमेशा ही सकारात्मक माहौल बनाता है।
- सरल और सहज – भारी-भरकम ऑर्नामेंटल फर्नीचर, डेकोरेटिव कर्टन, लाइटिंग फिक्चर्स या अन्य डेकोरेटिव या कर्व्ड आयटम की जगह हल्के और ज्यादा सुव्यवस्थित रंग रूम में अच्छे लगेंगे।
- विंडो में बदलाव – मौजूदा ऑनॉमेंटल विंडो को हटाना होगा। इसके लिए सिंगल-पेन वुडन फ्रेम्स को ऑर्नामेंटल ग्रिल वाली एल्युमीनियम फ्रेम्स से बदल दें। अगर डिजाइन की परमीशन हो, तो फुल-लेंथ डबल-पेन विंडो लगवा लें। ये एनर्जी-एफिशिएंट के साथ मॉडर्न लुक भी देगी।
- जुड़ी जगहें - खाली जगह ऐसी होनी चाहिए कि एक-दूसरे से ज्यादा जुड़ती हो। जैसे- किचन और डाइनिंग एरिया की वॉल हटाकर उस जगह को एक कर दें। आर्किटेक्ट्स ही नहीं, स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट भी इस मेकओवर के लिए अलग-अलग ऑप्शन देने में आपकी मदद करेंगे।
- फ्लोरिंग – किसी खास स्टाइल के लिए स्पेस तैयार करने में फ्लोरिंग अहम रोल निभाती है। इस समय ज्योमैट्रिक डिजाइन, वुडन पैलेट और फैब्रिक जैसे फ्लोर प्रॉडक्ट ट्रेंड में हैं।
- सीलिंग – लिविंग स्पेस को बड़ा दिखाने के लिए सीलिंग फ्रेम्स की हाइट को ऊंचा रखें।