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बोन्साई बनाना आसान है, लेकिन इसके लिए वक्त, धैर्य और देखभाल की जरूरत होती है। यह आपको प्रकृति का सम्मान करना सिखाता है। बोन्साई एक्सपर्ट रूपा शाह से जानिए एक छोटे बोन्साई को बनाने के तरीके ...
- पहली बार बोन्साई बनाने वालों को ये जानना चाहिए कि इसके लिए किन चीजों की जरूरत होती है। इसे 3 इंच गहराई वाले चौड़े गमले में बनाया जाता है, जिसकी सतह या तल में ड्रेनेज के लिए होल होता है। इसके अलावा बोन्साई मिट्टी, एल्युमीनियम वायर, जाली और कैंची की जरूरत होती है, जो किसी भी नर्सरी से खरीदी जा सकती हैं।
- बोन्साई बनाने के लिए विशेष पौधों की जरूरत होती है। अगर आप पहली बार बोन्साई तैयार कर रहे हैं, तो गूलर का पौधा बेस्ट ऑप्शन है। ध्यान रखिए कि ज्यादा पत्तियों वाला पौधा चुनें, जो गमले में लगाने के बाद छतरी जैसा दिखे। इसलिए, ऐसा पौधा चुनें, जिसका तना पतला हो।
- अब इसे जमीन से उखाड़िए और इसकी जड़ें देखिए। अगर इसमें कई जड़ें हैं, तो कुछ को काट सकते हैं, बस ध्यान ये रखें कि मुख्य जड़ न कट जाए।
- इसके बाद गमले के होल को जाली और कंकड़ से ढंकिए, ताकि पानी डालते वक्त मिट्टी न बहे। अब तीन-चौथाई मिट्टी डालिए और इसमें पौधा लगा दीजिए। पौधा लगाने के बाद ऊपर से कुछ और मिट्टी डालिए और इसे दबाइए, ताकि पौधा मिट्टी में जम जाए।
- पौधे को ठीक से देखिए, बोन्साई में हमेशा बैक और फ्रंट हिस्सा होना चाहिए। आड़ी-तिरछी शाखाओं को काट दीजिए, ताकि बोन्साई सही शेप में डेवलप हो। जब शाखाएं सही से बढ़नी शुरू हो जाएं, तो कांट-छांट करते रहिए, ताकि शेप बरकरार रहे।
- आप पौधे को देखकर उसकी हैल्थ का अंदाजा नहीं लगा सकते। रेगुलर निरीक्षण कीजिए और देखिए कि शाखाएं मुरझा तो नहीं रहीं या पीली तो नहीं पड़ रहीं। पत्तियां पीली पड़ रही हैं, तो इसका मतलब है कि पौधे को सही पोषण और सूर्य की रोशनी नहीं मिल रही। अगर पेड़ ज्यादा कमजोर दिख रहा है, तो कैमिकल फर्टिलाइजर्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
- पत्तियों पर पानी की हल्की फुहारों का इस्तेमाल कीजिए। यह कई चीजों पर निर्भर करता है। जैसे पौधे का प्रकार, पौधे का साइज, गमले का साइज और मौसम। दिन में एक बार पानी का स्प्रे काफी है। ध्यान से पौधे की जांच कीजिए और खराब पत्तियां छांट दीजिए। अगर सही देखभाल की जाए, तो बोन्साई डेवलप होने में एक साल लगता है।