Rashi Gaur
Vastu & Feng Shui Consultant
ext: Rashi Gaur
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घर की खुशहाली के लिए जरूरी है गुड एनर्जी बिना किसी रुकावट के पूरे घर में  बनी रहे। कई बार कुछ पिलर्स, बीम्स, कार्नर्स, इस खुशहाली में बाधा बन जाते हैं। वास्तु एंड फेंगशुई कंसल्टेंट राशि गौर, इन चीजों से निकलने वाली निगेटिव एनर्जी को दूर करने के तरीके बता रही हैं...
 
  1. कभी भी कोई पिलर मेन गेट या फिर मेन डोर को ब्लॉक करता हुआ नहीं होना चाहिए। एंट्रेंस डोर के अंदर की तरफ भी पिलर नहीं होना चाहिए ये “द्वारवेध” की तरह काम करते हैं। दूसरे शब्दों में एक ऐसा स्ट्रक्चर, जो अड़चन पैदा करता है, इस तरह के पिलर्स उस घर में रहने वालों की सफलता के रास्ते में कई तरह की रुकावट पैदा करते हैं। अगर ये पिलर्स नहीं हटाए जा सकते हैं, तो दरवाजा बदल देना चाहिए। दिशा बदलने से आप वास्तु के हिसाब से चल सकते हैं। अगर पोजिशन बदलना भी संभव न हो, तो पिलर में पेंट कर दें या फिर उस पर ऐसी पेंटिंग टांग दें, जिससे किसी खुली जगह का अहसास हो या फिर एक लंबा-चौड़ा रास्ता नजर आए। जब आप उसको देखें, तो आपको रुकावट के बजाय डेप्थ नजर आए।
  2. कई बार आप पाते हैं कि घर का स्ट्रक्चर पिलर्स के ऊपर टिका है। इसके कारण फ्रंट का लुक अच्छा आता है। हालांकि स्ट्रक्चर देखने में अच्छा लगता है लेकिन दीवारों और पिलर्स के बीच में पैदा हुए गेप्स के कारण गुड एनर्जी बाहर निकल जाती है और साथ में घर की खुशहाली भी ले जाती है। कोई भी गुड लक वहां बना नहीं रह सकता, जहां पर फाउंडेशन मिसिंग हो। निगेटिव एनर्जी को दूर करने के लिए दीवार बनाकर गैप को भर दें। बेहतर उपाय है कि उनके बीच रूम बना दें।
  3. घर का सेंटर अक्सर वास्तु में ब्रम्हस्थान के रूप में बताया जाता है। यह घर का सबसे सेंसिटिव एरिया होता है। आमतौर पर इस जगह में कोई स्ट्रक्चर नहीं होना चाहिए, ताकि घर के लोगों को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके। घर के सेंटर में एक पिलर या सीढ़ियां होने से भी दोष होता है। इस तरह के घर में रहने वाले लोगों पर कर्ज का बोझ बढ़ जाता है और उन्हें पेट की बीमारी होने की संभावना रहती है।
  4. घर के किसी भी जोन में पिलर खासतौर पर स्क्वेयर और नुकीली किनारियों वाले होना जहरीले तीर की तरह नुकसान करते हैं। कॉर्नर्स को हरे-भरे पेड़-पौधों से ढंक दें। समय-समय पर पौधों को बदलते रहें क्योंकि नुकीले किनारों की निगेटिव एनर्जी इतनी स्ट्रॉन्ग होती है कि वह पौधों को जल्दी सुखा सकती है। मुरझाए हुए या सूखे हुए पौधे किसी की जिंदगी में रुकावट ला सकते हैं। अगर रियल प्लांट लगाना संभव न हो, तो आर्टिफिशियल प्लांट्स लगा सकते हैं। पिलर्स के दोष को दूर करने का एक और तरीका है उसमें मिरर्स लगाना, लेकिन ध्यान रहे कि मिरर्स में एंट्रेंस या टॉयलेट का रिफ्लेक्शन न आए। अगर किसी भी कारण से पिलर बनाना जरूरी हो, तो उसे गोल बनाएं या फिर किनारों को सॉफ्ट बनाएं न कि नुकीला।
  5. बड़े लिविंग रूम्स में बीच में अक्सर पिलर होता है। लिविंग रूम ऐसा एरिया होता है, जहां पर एनर्जी को बगैर रुके फ्लो मिलना चाहिए। अगर वहां पर पिलर रूम को ब्लॉक कर रहे हैं, तो आप उसे दो जोन में डिवाइड कर सकते हैं। न कि एक सिंगल रूम बनाकर रखें, जो पिलर के कारण ब्लॉक हो रहा है।
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About the author
Rashi Gaur
Vastu & Feng Shui Consultant

Rashi is certified in the courses of Vastu Ratna (study of Residential Vastu) and Vastu Shastra Charya (in-depth study of Commercial Vastu) from All India Federation of Astrologers’ Societies. Her Feng Shui teacher, mentor and guide is the esteemed worldwide Feng Shui Expert, Madam Lillian Too, who continues to bless and guide me in my endeavors. Rashi’s forte lies in bringing together the goodness of Vastu Shastra and Feng Shui together, and then blending it with Numerology to make it more specific to the client by bringing more accuracy into the cures and remedies required to fix the problems in their lives.

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