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पेविंग बनाने में कई तरह के मटेरियल का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, पेविंग बनाते समय यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि आप कहां का फर्श बना रहे हैं। आर्किटेक्ट मृणमयी वाडवेकर से जानिए पेविंग से जुड़ी ख़ास बातें...
- यदि आप पेविंग ऐसी जगह बनाना चाहते हैं, जहां भारी गाड़ियों की आवाजाही हो, तो पत्थर और कांक्रीट का ही इस्तेमाल करें। क्योंकि ये दोनों ही मटेरियल वजन सह सकते हैं।
- अगर गार्डन में पेविंग बना रहे हैं, तो ब्रिक्स और पत्थर के ब्लॉक्स का इस्तेमाल करें। बता दें कि आमतौर पर गार्डन में कम आवाजाही होती है, जिससे ये तरीका सफल साबित होगा।
- यदि आधा सर्फेस शेडेड हो (जैसे कि आंगन या पवेलियन) तो यहां आप ट्रीटेड वुड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- इन दिनों विनाइल (एक तरह का प्लास्टिक मटेरियल) और प्लास्टिक से बनी फ्लोरिंग मार्केट में अवेलेबल है, जो किसी लकड़ी की तरह ही नज़र आती है। इनका इस्तेमाल आप पूल के किनारे कर सकते हैं, जो एक अलग लुक देगी।
- लुक फैक्टर को छोड़ दिया जाए, तो पेविंग में टिकाऊ मटेरियल लगाना बेहतर होगा। इसके अलावा पेविंग का समय-समय पर मेंटेनेस करना बेहद जरूरी है।