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डिज़िटल युग के बावजूद भी लोगों का किताब को हाथ में लेकर पढ़ने का मोह कम नहीं हुआ, इसलिए आज भी लगभग हर घर में एक खास जगह किताबें रखने के लिए बनाई जाती है। इंटीरियर डिजाइनर समीरा चोपड़ा, होम लाइब्रेरी को डिजाइन करने के आसान 5 तरीके बता रही हैं…
- स्पेस- अगर लाइब्रेरी बनाने के लिए जगह ज्यादा है, तो फिर एक बड़ी शेल्व लाना बेहतर है। और अगर जगह की कमी है, तो फिर छोटी बुकशेल्फ से काम चलाना होगा। इन दोनों ही बातों को ध्यान में रखकर मार्केट में कई तरह के फर्नीचर उपलब्ध हैं। अगर कमरे की चौड़ाई कम है, तो वर्टिकल स्पेस भी लाइब्रेरी के लिए सही रहेगा।
- डिस्प्ले – लाइब्रेरी डिजाइन करते वक्त किताबों को इस तरह ऑर्गेनाइज़ किया जाना चाहिए कि आप किसी किताब को भीड़ में आसानी से ढूंढ सकें। इसके लिए बेहतर होगा कि आप किताबों को अल्फाबेटिकली अरेंज करें।
- लाइटिंग – लाइब्रेरी की जगह कमरे में वहां होनी चाहिए, जहां दिन के वक्त लाइट की जरूरत न पड़े, बल्कि प्राकृतिक रोशनी लाइब्रेरी पर पड़ती हो।
- स्टोरेज – बुकशेल्व्स केवल किताबें रखने के लिए ही नहीं होना चाहिए, बल्कि उसमें बीच-बीच में कुछ आर्टिफेक्ट्स भी डिस्प्ले के लिए रखें। इससे लाइ्ब्रेरी अट्रैक्टिव बनेगी। बुकशेल्व्स में कुछ हिडन ड्रॉअर और रैक्स भी होने चाहिए, ताकि जिन किताबों को लाइब्रेरी में डिस्प्ले के लिए न रखना हो, उन्हें इन ड्रॉअर और रैक्स में रखा जा सके।
- फर्नीचर – लाइब्रेरी में केवल किताबों वाली बुकशेल्व्स ही नहीं रखी जानी चाहिए, बल्कि कुछ फर्नीचर, जैसे बीन बैग, सैडल सीट, नीलिंग चेयर (जिसमें घुटने के लिए सपोर्ट सिस्टम होता है) भी हों।