Aman Gandhi
Architect
Anchor : Priya Arya
Photographs: Shutterstock

एक दरवाजा घर में प्राइवेसी और सिक्युरिटी के लिए लगाया जाता है। ये बिल्डिंग या घर में एंट्रेंस का काम करता है। आर्किटेक्ट अमन गांधी आपको एंट्रेंस डोर्स के लिए अवेलेबल अलग-अलग ऑप्शन के बारे में बता रहे हैं...
 
  1. वुडन डोर्स : ये आमतौर पर ट्रेडिशनल और हैरिटेज होम्स में लगाए जाते हैं। बेहतर इंसुलेशन के लिए इंसुलेशन मटेरियल को वुडेन पैनल्स के बीच में लगाया जाता है या इंजेक्ट किया जाता है। अपनी खूबसूरती और मजबूती के लिए ये मटेरियल ज्यादा पसंद किया जाता है। लकड़ी का यूज करने में नुकसान ये है कि इन पर दीमकों और कीड़ों का अटैक आसानी से हो सकता है। इसके अलावा नमी, सीलन और मौसम के प्रभाव से बचाने के लिए इन्हें रेग्युलर पेंट और वार्निश भी करते रहना जरूरी होता है। बेहतर एयर टाइटनेस के लिए जरूरी है कि इंटरलॉकिंग वेदर-स्ट्रिपिंग का यूज किया जाए और समय-समय पर या जरूरत पड़ने पर इन्हें बदला जाए।

  2. फाइबर ग्लास डोर्स :  ये मटेरियल एक पॉलीयूरिथेन कोर के चारों तरफ मोल्ड किया जाता है, जिससे ठंड और नमी से होने वाले नुकसान से बचाव होता है। ये दरवाजे ढेरों कलर और टेक्सचर्स में मिलते हैं। मोल्डिंग टैक्निक में स्टेन और दूसरी वुड फिनिश मिलाने से एक नैचुरल लकड़ी के दरवाजे का लुक आता है। फाइबर ग्लास के दरवाजे रखरखाव में काफी आसान होते हैं और इन्हें साबुन से आसानी से साफ किया जा सकता है। इन दरवाजों की लंबी उम्र के लिए इनकी वेदर स्ट्रिपिंग को समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए।

  3. पीवीसी डोर्स : पीवीसी यानी पॉली विनाइल क्लोराइड, एक लाइट वेट मटेरियल है, जो मौसम के प्रभावों से बेअसर होता है। इनके बीच में लगाए गए स्टील के ढांचे इसे ज्यादा मजबूत और टिकाऊ बनाते हैं। साथ ही हीट और एनर्जी के लॉस को रोकते हैं। पीवीसी डोर्स का सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये साफ करने में आसान हैं। इनका रंग आसानी से खराब नहीं होता, न ही ये समय के साथ पीले पड़ते हैं। इन्हें बहुत ज्यादा मेंटेनेंस की जरूरत भी नहीं होती।

  4. एल्युमिनियम डोर्स :ये डोर्स भी वेदर रेजिस्टेंस होते हैं। इनका ज्यादातर यूज बाहरी दरवाजों (पैटियो डोर्स), स्टॉर्म डोर्स और स्क्रीन डोर्स में होता है। एल्युमिनियम लाइट वेट होता है, इसलिए ये स्लाइडिंग डोर्स के लिए एक बेहतर ऑप्शन है। एक और फायदा ये है कि एल्युमिनियम डोर्स को अपनी थीम के मुताबिक किसी भी कलर में पाउडर कोटेड किया जा सकता है। इनकी साफ-सफाई और रखरखाव भी बेहद आसान है।

  5. स्टील डोर्स : स्टील से बने हुए इन दरवाजों का इस्तेमाल कई बार वॉल्ट और सेफ रूम को सुरक्षित बनाने के लिए किया जाता है। इन्हें लकड़ी की आउटर पैनल के साथ भी फिट किया जा सकता है, ताकि अंदरूनी और बाहरी दरवाजों में एकरूपता बनी रहे।

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About the author
Aman Gandhi
Architect

<div>An alumnus of Aayojan School of Architecture, Jaipur, Aman Gandhi established his firm Design Depiction in the same city in 2008. He, along with his team, undertakes both architectural and interior projects. His portfolio is diverse, and includes educational institutions, factories, warehouses, retail outlets, hospitality spaces and residences.</div>

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