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ड्राय लैंडस्केप गार्डन एक अलग ही माहौल बनाता है, बशर्ते आप पत्थरों और पौधों आदि को सही तरीके से अरेंज करें। रॉक गार्डन ड्राय लैंडस्केप का ही एक उदाहरण है, जो प्रकृति के नजदीक होने का अहसास कराता है। ड्राय लैंडस्केपिंग स्थानीय पौधों और नैचुरल मटेरियल्स के उपयोग के कारण ज्यादा टिकाऊ होती है और इसको बहुत ज्यादा मेंटेनेंस की जरूरत भी नहीं होती। आर्किटेक्ट जूली देओस्कर ड्राय लैंडस्केपिंग के जरिए गार्डन को खूबसूरत बनाने की टिप्स बता रही हैं।
1. मटेरियल्स : नैचुरल स्टोन्स, विट्रीफाइड टाइल्स या ईंटें ड्राय लैंडस्केपिंग के लिए परफेक्ट मटेरियल हैं। आप जमीन पर लॉन या दूसरे प्लांट मटेरियल के बजाय पत्थरों, कंकड़ों या बजरी का कॉम्बिनेशन भी इस्तेमाल कर सकते हैं। पॉलिश किए हुए या नैचुरल फिनिश वाले पत्थर भी दूसरा ऑप्शन हैं। गिट्टी खासतौर पर मार्बल या कोटा स्टोन की गिट्टियों का यूज खूबसूरती बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। कांक्रीट की पेविंग में पानी जमीन में नहीं सोख पाता और बह जाता है। बेहतर होगा कि पत्थरों और गिट्टियों की परत किसी फैब्रिक या जिओ टेक्सटाइल शीट पर बिछाई जाए, ताकि बेहतर फिल्टरेशन हो सके।
2. प्लांटिंग मटेरियल : ऐसी प्रजाति के पौधे लगाएं, जिन्हें ज्यादा पानी की जरूरत न हो, जैसे कैक्टस, एगेव और ड्रेसीना। इन्हें कम देखभाल की जरूरत पड़ती है और ये मौसम की मार को भी अच्छी तरह सह लेते हैं। इसी प्रकार खजूर, गूलर और पाम के पेड़ को दूसरे पेड़ों के मुकाबले कम पानी की जरूरत होती है। घास और सदाबहार झाड़ियां ड्राय लैंडस्केप के लुक को खूबसूरत बनाते हैं। इन प्रजातियों के लुक का आइडिया लेने के लिए इन्हें सीधे जमीन में लगाने के बजाय पहले गमले में लगाकर देखें। इससे इन्हें यहां-वहां ले जाना और हटाना आसान रहेगा। इसी प्रकार पत्थरों और गिट्टियों को दिलचस्प तरीके से सजाकर खूबसूरती बढ़ाई जा सकती है। अगर आप मध्य में ग्रीनरी दिखाना चाहते हैं, तो घास और छोटे पौधों को पत्थरों के बीच लगाएं। इन्हें ज्यादा मेंटेनेंस की जरूरत भी नहीं होगी। हालांकि पत्थरों और गिट्टियों की मोटाई इस प्रकार हो कि पानी इनमें से ठीक तरीके से निकल सके, नहीं तो पानी जमा होने से कीचड़ होने लगेगा।
3. सेफ्टी : सुरक्षा के लिहाज से फिसलन न करने वाले मटेरियल्स का उपयोग करें। सैंडस्टोन का उपयोग राजस्थान और दिल्ली जैसे सूखे इलाकों में किया जा सकता है, लेकिन इसे मुंबई जैसे इलाकों में बाहर यूज न करें, नहीं तो इसमें नमी और आद्रता के कारण काई लग सकती है और फिसलन पैदा हो सकती है। कोटा और ग्रेनाइट जैसे नैचुरल स्टोन का यूज मुंबई और चेन्नई जैसी जगहों पर किया जा सकता है। स्नेक प्लांट और कंटीली झाड़ियों वाले पौधे या जहरीले पौधे घरों में लगाना अवॉइड करना चाहिए क्योंकि इनसे चोट लग सकती है। नुकीली गिट्टियों के बजाय गोल पत्थरों को तरजीह देना चाहिए। नदी के छोटे गोल पत्थर ज्यादा बेहतर होते हैं और इन पर चलना ज्यादा आसान होता है। ये रिफ्लेक्सोलॉजी पाथ की तरह काम देते हैं।
4. एलीमेंट : पौधों को दिलचस्प बनाने के लिए खूबसूरत गमलों में लगाएं (जैसे सिरामिक या स्टोन)। रात में इन पर रोशनी पड़ती है, तो ये काफी खूबसूरत लगते हैं। रोशनी में नहाए हुए पत्थर के बेतरतीब बोल्डर्स काफी खूबसूरत लगते हैं और ये ड्राय लैंडस्केप की खूबसूरती को दोगुना कर देते हैं। एक कोने पर रखे हुए मूर्तिनुमा गमले या मूर्तियां और उनके आस-पास सजाए हुए बोल्डर्स रात में रोशनी पड़ने पर पूरी जगह का लुक ही बदल देते हैं।