Photograph: Alok Bhagat
अगर आप किसी शोरगुल वाले अपार्टमेंट या भीड़भाड़ वाले इलाके में रह रहे हैं, तो आप हर पल चारों तरफ से आते शोर से परेशान होते होंगे। आर्किटेक्ट आलोक भगत ऐसी ही अनचाही आवाज़ों को घर के अंदर आने से रोकने वाले टिप्स दे रहे हैं…
- मोटा कारपेट या अंडरपेड – ध्वनि तरंगें हार्ड सरफेस से टकराकर सॉफ्ट सरफेस द्वारा रिफ्लेक्ट और अब्जॉर्ब होती हैं। बाहरी ध्वनि को अंदर आने से रोकने और घर के अंदर भी नियमित और वास्तविक रूप से फर्नीचर आदि सामानों से होने वाली आवाज़ों पर नियंत्रण रखने में काम आते हैं मोटे कारपेट या एरिया रग, जो अब्जॉर्बर का काम करते हैं।
- हेवी ड्रेप्स – आवाज़ को कम करने में परदे भी काम आते हैं। जरूरी यह है कि आप वेलवेट जैसे हेवी फैब्रिक को चुनें। अगर इस वक्त विंडो कवरिंग कॉटन या लिनेन की है, तो तुरंत किसी हैवी फैब्रिक से इन्हें बदल दें, शोर का लेवल कम होता महसूस करेंगे। समान वजन वाले प्लेन कर्टन के मुकाबले प्लीटेड कर्टन स्टाइल के साथ शोर को दोगुना और तिगुना कम करने में मदद करते हैं।
- सॉफ्ट फर्निशिंग – जब भी साउंड अब्जॉर्प्शन की बात आती है, तो हार्ड फर्निशिंग के विकल्पों को तलाशा जाता है। हालांकि यह पूरी तरह से शोर को कम नहीं करेगा, मगर हार्ड साइड चेयर के मुकाबले अपोल्स्ट्रर्ड बेंच का विकल्प कहीं ज्यादा मायने रखेगा।
- वॉल हैंगिंग्स – यह एक और अच्छा तरीका है साउंड प्रूफिंग का। फोटोग्राफ्स और पेंटिंग्स के लिए माउंट फैब्रिक वॉल हैंगिंग्स को प्राथमिकता दें। ये न सिर्फ आवाज़ पर नियंत्रण लाएंगी, बल्कि रूम को भी कलरफुल बना देंगी। यह तय है कि ये सॉल्यूशन पूरी तरह से साउंड प्रूफिंग का समाधान नहीं है, लेकिन कुछ हद तक जब ये सारी चीजें साथ होंगी, तो अपने अनुरूप ध्वनि वातावरण निर्मित किया जा सकेगा।