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डिजाइन और स्ट्रक्चर किसी भी जगह की खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देते हैं। इनकी अपनी अलग शब्दावली यानी टर्मिनोलॉजी होती है। डिजाइनर पूजा छाबड़ा इनमें से कुछ खास टर्मिनोलॉजी के बारे में बता रही हैं...
1 बालुस्टर :
ये किसी रेलिंग को दिया जाने वाला वर्टिकल सपोर्ट होता है। ये आमतौर पर लकड़ी, मेटल, कांच का हो सकता है और इसमें सिम्पल या फिर कलात्मक डिजाइन होती हैं।
2 डैडो:
ये किसी अंदरूनी दीवार का निचला हिस्सा होता है, जिसे ऊपरी हिस्से से अलग तरह से डेकोरेट किया जाता है। आमतौर पर इन्हें किचन, लिविंग या बाथ एरिया में देखा जा सकता है।
3 एंगेज्ड कॉलम:
ये वह कॉलम होता है, जो दीवार से लगा हुआ होता है और उसका हिस्सा होता है।
4 फेसाड :
ये किसी सड़क या खुली जगह को फेस करने वाली बिल्डिंग का सबसे सामने का हिस्सा होता है।
5 ह् यू :
ये अपने वास्तविक रूप में कलर्स होते हैं।
6 लिंटल :
ये किसी दरवाजे या खिड़की की चौड़ाई में ऊपर की तरफ लगाई जाने वाली हॉरीजॉन्टल सपोर्टिंग बीम होती है, जो लकड़ी, पत्थर, कांक्रीट या फिर स्टील की हो सकती है।
7 मार्केट्री :
ये डेटोरेटिव पैटर्न होते हैं, जिन्हें कलर्ड वुड विनियर्स या फिर दूसरे मटेरियल्स जैसे सीप, कछुए के कवच या फिर पीतल वगैरह से कार्विंग करके बनाया जाता है। इन्हें फर्नीचर या दूसरी इसी तरह की चीजों के डेकोरेशन में इस्तेमाल किया जाता है।
8 पटीना :
आमतौर पर लकड़ी, पीतल, तांबे, कांसे या अन्य किसी मेटल पर लंबे समय में ऑक्सीडेशन की प्रक्रिया में परत जम जाती है, जो ब्राउन या ग्रीन कलर की होती है। पटीना अपने आप बन जाते हैं या फिर इन्हें डेकोरेटिव इफेक्ट के लिए भी आर्टिफिशली बना दिया जाता है।
9 पोर्टिको :
ये एक कवर्ड एंट्री स्ट्रक्चर होता है, जो थोड़ी-थोड़ी दूर बने खंबों पर टिका होता है।
10 पाउडर रूम :
ये निजी मकानों में बना हुआ टॉयलेट रूम होता है, जो आमतौर पर मेहमानों के यूज के लिए होता है।
11 ईव्स :
दीवारों के बाद भी आगे बढ़ाया हुआ छत का हिस्सा ईव्स कहलाता है।
12 स्कर्टिंग :
अंदरूनी दीवार के सबसे निचले हिस्से में लकड़ी, टाइल या फिर सीमेंट की पतली पट्टी धूल और टूट-फूट से बचाव के लिए लगाई जाती है। इसकी ऊंचाई डिजाइन पर निर्भर करती है।
13 सिल :
किसी खिड़की या दरवाजे के बेस पर लंबाई में बना हुआ लकड़ी, मेटल या पत्थर का ऊपरी हिस्सा होता है।
14 केंटीलिवर :
ये दीवार में एक तरफ से फिक्स किया हुआ लंबा स्ट्रक्चर होता है, जो दूसरी तरफ से बिना किसी सहारे के हवा में लटका रहता है।
15 बेवेल :
लकड़ी या पत्थर की किसी कलाकृति में बनाई हुई स्लोप या स्लांटिंग (किनारी), जिससे उस मटेरियल पर लाइट पड़ने से खूबसूरत इफेक्ट आता है।
16 नीश :
ये दीवार में बनाया गया ताक या आला होता है, जिसमें कलाकृतियों, मूर्तियों वगैरह को रखा जाता है। ये दीवार की खूबसूरती बढ़ाता है। कई आलों या खानों वाली दीवार को स्टेटमेंट वाॅल की तरह भी ट्रीट किया जाता है।
17 ऑर्नामेंटेशन :
जैसा कि नाम से जाहिर है, किसी ऑब्जेक्ट या मटेरियल को सजावटी चीजों के जरिए खूबसूरत बनाना।
18 ऑट्टोमैन :
ये फुट स्टूल है और आजकल काफी प्रचलन में है। दूसरे शब्दों में ये काफी कम ऊंचाई वाला बगैर हत्थे का स्टूल होता है, जिसमें सोफे की तरह कपड़े का कवर चढ़ाया जाता है। डिजाइन के हिसाब से इसमें थोड़ा बहुत स्टोरेज एरिया भी होता है।