ManMohan Khanna
Architect
Anchor: Priya Arya
Photograph: Shutterstock

 
दीवारें किसी भी मकान का काफी बड़ा हिस्सा घेरती हैं। और देखने के हिसाब से भी पूरे रूम में सबसे ज्यादा हिस्सा दीवारों का ही होता है। अंदरूनी और बाहरी दीवारों के सरफेस ट्रीटमेंट के लिए पेंटिंग सबसे पॉपुलर है। आर्किटेक्ट मनमोहन खन्ना बता रहे हैं अलग -अलग तरह के वाॅल ट्रीटमेंट से संबंधित पेंट और एप्लीकेशन से जुड़ी बातों के बारे में...
 
  1. लाइम कोटिंग (चूना) : इसका इस्तेमाल अंदरूनी और बाहरी दीवारों पर किया जा सकता है। आमतौर पर ये चिनाई वाली दीवार या ईंटों पर सीधे लगाया जाता है। पहले से पेंट की हुई दीवारों पर इसकी कम से कम तीन कोट की जरूरत पड़ती है।
  2. कलर वाॅश : इस तरह की पुताई अंदरूनी और बाहरी दोनों तरह की दीवारों पर की जाती है। पेंट लगाने का तरीका लाइम कोटिंग की तरह ही कलर की तीन कोट लगाने का होता है।
  3. ड्राय डिस्टेम्पर : ये खासतौर पर अंदरूनी दीवारों के लिए होता है। आप इसे प्लास्टर, दीवारों और सीलिंग में लगा सकते हैं।
  4. ऑइल बाउंड डिस्टेम्पर : ये भी अंदरूनी दीवारों के लिए होता है, इसे पुट्टी की परत के ऊपर लगाया जाता है। पुट्टी लगाने के बाद ऑइल बाउंड डिस्टेम्पर की तीन कोट लगाने की जरूरत पड़ती है।
  5. एक्रिलिक इमल्शन/ प्लास्टिक इमल्शन (वाॅटर बेस्ड) : इसका उपयोग अंदरूनी दीवारों के लिए किया जाता है। जहां तक लगाने का सवाल है, एक परत पुट्टी और उसके बाद प्राइमर (ऑइल बेस्ड सीमेंट प्राइमर) लगाया जाता है। इसके बाद लगभग दो या तीन कोट पेंट की लगाई जाती है। हालांकि ये ऑइल बाउंड डिस्टेम्पर से तीन गुना ज्यादा महंगा पड़ता है।
  6. एनामल पेंट (ऑइल बेस्ड) : एनामल पेंट को काफी सिस्टमेटिक तरीके से लगाया जाता है। लकड़ी की सतह पर सबसे पहले वुड प्राइमर या पुट्टी लगाई जाती है। जब सतह सूख जाती है, तो सैंडपेपर से उसे घिसा जाता है। आखिर में चिकनी सतह पर तीन कोट एनामल पेंट की लगाई जाती है। एमएस (माइल्ड स्टील) पर एनामल पेंट की 3 कोट लगाने से पहले स्टील प्राइमर लगाया जाता है।
  7. ऑइल बेस्ड एक्रिलिक पेंट : इस कैटेगरी में एक पॉपुलर ब्रांड है ड्यूको और इस ब्रांड के नाम पर ही ये केटेगरी भी फेमस है। इस पेंट का यूज मेटल या लकड़ी पर करने से पहले एनसी (नाइट्रोसेल्युलोज) पुट्टी सतह पर लगाई जाती है क्योंकि ये पेंट और किसी बेस पर टिक नहीं पाता। ये फर्नीचर पर डिफरेंट फील के लिए काफी ज्यादा यूज किया जाता है। एनामल पेंट की तरह ड्यूको पेंट भी इंटीरियर या वुडन वर्क के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  8. रेड ऑक्साइड : इसका उपयोग मेटल के अलावा अंदरूनी और बाहरी दीवारों पर किया जाता है। रेड ऑक्साइड प्राइमर को ब्रश, रोलर या स्प्रे के जरिए लगाया जाता है। इसकी दो पतली कोट करने के बाद मेटल को पेंट करने से काफी बढ़िया प्रोटेक्शन हो जाता है। हर कोट को पूरी तरह सूखने के लिए छह से आठ घंटे का समय लगता है और फिर उसके 24 घंटे बाद ऊपरी कोट की जाती है।
  9. मटेलिक पेंट : ये खासतौर पर सिर्फ अंदरूनी दीवारों और मेटल पर किया जाता है।
  10. एक्सटीरियर पेंट (वाॅटर-बेस्ड) : बेहतर फिनिश के लिए पहले दो या तीन कोट पुट्टी लगाएं, फिर सेंडपेपर से घिसाई करें और फिर पेंट की तीन कोट लगाएं।
  11. सीमेंट बेस्ड पेंट : ये वाॅटरप्रूफ सीमेंट बेस्ड पेंट होता है और इसे सीधे प्लास्टर पर लगाया जा सकता है। इसके बाद दो से तीन कोट पेंट किया जाता है।
  12. टेक्सचर पेंट (सीमेंट-बेस्ड) : अंदरूनी और बाहरी दीवारों पर इसका इस्तेमाल किया जाता है, इसे लगाने के लिए रोलर की जरूरत पड़ती है। ये दीवार पर टेक्सचर बनाता है।
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About the author
ManMohan Khanna
Architect

Architect Manmohan Khanna is an alumnus of CCA, Chandigarh and has been practicing interior design and architecture for the last 40 years. He is the Chairman of Institute of Indian Interior Designers, Chandigarh Chapter, and has a lot many honors to this credit. He is also the immediate past Chairman of IIA, Chandigarh+Punjab Chapter.

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