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रहने की हर जगह अलग होती है और उसे अलग तरीके से ही इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि पॉजिटिव एनर्जी अट्रेक्ट हो सके। अपार्टमेंट्स के लिए नियम अलग होते हैं, चाहे वह हाई राइज अपार्टमेंट हो या फिर स्टूडियो अपार्टमेंट। इसलिए ये महत्वपूर्ण है कि किसी कॉन्डोमिनियम को भी एक यूनिट के रूप में ही देखना चाहिए क्योंकि ये आपके अपने अपार्टमेंट से भी संबंधित होता है। हालांकि घरों के मुकाबले अपार्टमेंट्स में सीमित विकल्प होते हैं। वास्तु और फेंगशुई कंसल्टेंट राशि गौर बता रही हैं उन बातों के बारे में, जिन्हें अपार्टमेंट का चुनाव करने से पहले ध्यान में रखना चाहिए।
- ध्यान रखें कॉन्डोमिनियम सही आकार में हो। अगर अहम कॉर्नर्स कट या मिस होंगे, तो उन लोगों की जिंदगी पर असर पड़ेगा, जिनके वहां अपार्टमेंट्स हैं।
- एक खुला मैदान, वाॅटर बॉडी या फिर लहरदार सड़क कॉन्डोमिनियम के सामने होना अच्छा होता है क्योंकि ये गुड एनर्जी को अट्रेक्ट करता है।
- कॉन्डोमिनियम वेल मेन्टेंड होना चाहिए। एंट्रेंस में जगमगाता हुआ हॉल हमेशा गुड एनर्जी को अट्रेक्ट करता है, ताकि वह वहां हमेशा बनी रहे।
- इस बात का भी ध्यान रखें कि वहां पर और कोई हाई राइज स्ट्रक्चर (आपकी बिल्डिंग से ऊंचा) सीधे आपको फेस तो नहीं कर रहा है? हालांकि आपकी बिल्डिंग के पीछे कोई ज्यादा ऊंची बिल्डिंग होना शुभ होता है।
- ऐसे कॉन्डोमिनियम में अपार्टमेंट लेना अवॉइड करें, जो डायरेक्ट किसी फ्लाइओवर या किसी बिजी हाइवे को फेस करता हो। हमेशा मूव करने वाली स्ट्रॉन्ग एनर्जी आमतौर पर रहने के लिए अच्छी नहीं होतीं।
- ध्यान रखें कि किसी और बिल्डिंग का कोई नुकीला हिस्सा सीधा आपकी तरफ पॉइंट न करता हो। ये जहरीले तीर की तरह काम करते हैं और गुड एनर्जी को रोकते हैं।
- लिफ्ट और सीढ़ियां कमजोर या जर्जर न दिखते हों, नहीं तो ये नेगेटिव एनर्जी को अट्रेक्ट करेंगी।
- अगर अपार्टमेंट 9 मंजिलों से नीचे है, तो कॉन्डोमिनियम की फेसिंग या एंट्री डायरेक्शन भी उतना ही अहम हो जाता है, जितना आपके खुद के अपार्टमेंट का। अगर आपका अपार्टमेंट 9वीं मंजिल से ऊपर की फ्लोर पर है, तो कॉन्डोमिनियम की एंट्रेंस बहुत ज्यादा महत्व नहीं रखती। इस केस में आपके खुद के अपार्टमेंट की एंट्रेंस ज्यादा इम्पोर्टेंट होती है। ध्यान रखें कि नॉर्थ और ईस्ट की तरफ ज्यादा से ज्यादा विंडो और बालकनी होना अच्छा होता है। अगर वहां से स्विमिंग पूल दिखता है, तो ये गुड एनर्जी को अट्रेक्ट करता है।
- अपार्टमेंट्स में कुछ चेंज करने के लिमिटेड ऑप्शन्स होते हैं, इसलिए दीवारों पर अपने मनपसंद कलर्स का यूज कर पाना मुश्किल होता है। हालांकि इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि नॉर्थ में रेड टोन का यूज नहीं होना चाहिए और साउथ में ब्लू और ब्लैक अवॉइड करना चाहिए।
- गुड एनर्जी को बढ़ाने के लिए अच्छी क्वालिटी का डेकोरेशन यूज करना चाहिए, साथ ही प्रोटेक्टिव सिम्बल जैसे फू डॉग्स और एंट्रेंस के दोनों तरफ एलीफेंट वगैरह यूज करना चाहिए।
- स्टूडियो अपार्टमेंट का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कम से कम एक विंडो एयर सर्कुलेशन के लिए जरूर हो, नहीं तो रूम में बदबू बनी रहेगी, जिससे नेगेटिव एनर्जी अट्रेक्ट होगी।
- हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि मकान बड़े या छोटे हों, लेकिन एंट्रेंस हमेशा साफ-सुथरी होना चाहिए, वहां पर कचरा जमा नहीं होना चाहिए।