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उम्र के एक पड़ाव के बाद घर के बुजुर्ग की आईसाइट वीक हो जाती हैं, साथ ही शरीर भी कमजोर हो जाता है। जिस कारण वे घर में हादसे के शिकार होते हैं। ऐसा न हो, इसके लिए घर के आर्किटेक्चर में कुछ बदलाव करना बेहद जरूरी है। मृणमयी वाडवेकर से जानिए इससे जुड़े टिप्स...
1.घर के हर कोने में प्रॉपर लाइट इंस्टाल करें।
2.घर की उन टाइल्स को रिप्लेस कर दें, जो चिकनी हो, खासकर बाथरूम में।
3.दरवाजों की चौड़ाई बढ़ाएं, ताकि व्हील चेयर आसानी से निकल सके। आमतौर पर व्हील चेयर 32 इंच की होती है।
4.टॉयलेट को बड़ा बनाएं, ताकि उसमें व्हील चेयर आसानी से आ सके।
5.घर में स्मोक डिटेक्टर और फायर अलार्म लगाएं, ताकि किसी इमरजेंसी का पता लग सके।
6.बाथरूम के दरवाजे बाहर की ओर खुलने वाले लगवाएं, ताकि बाथरूम में स्पेस अधिक हो।
7.टॉयलेट सीट की हाइट बढ़वाएं और वॉश बेसिन और आईने की हाइट घटवाएं।
8.कारपेट या फ्लोर कवरिंग के कोने अच्छी तरह बांध या चिपका लें। साथ ही फ्लोर की लूज वायर को हटा लें। सीढ़ियों के दोनों ओर रेलिंग लगा लें। ये रेलिंग इतनी मजबूत हो कि आसानी से वजन झेल सके। इसके अलावा wc's (वेस्टर्न कमोड), शाॅवर और हॉल में भी रेलिंग लगवाएं। यदि जरूरत पड़े तो बुजुर्ग के बिस्तर पर भी रेलिंग लगवाएं, ताकि सोते हुए वे गिरे नहीं।
9.यदि घर में व्हील चेयर के चलने के लिए परमानेंट रैम्प बनवाने की जगह न हो, तो आप फोल्डेबल रैम्प का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जो मार्केट में आसानी से अवेलेबल है।
10.फर्नीचर को रीअरेंज करें, ताकि घर में घूमने के लिए जगह बन सके।
11.रोज काम आने वाली चीज़ों को कम ऊँचाई पर रखें, ताकि सीनियर सिटीजन उस तक आसानी से पहुँच सकें।
12. घर की जिन जगहों पर पानी जमा होता है, वहां एंटी स्लिप मैट्स लगाएं ताकि कोई फिसल ना जाए।