Photographs: iStock
क्या आप घर में कॉकरोच, मच्छर, चींटियों, कीड़े-मकौड़ों, छिपकली से परेशान हैं? ये कीट- पतंगे न सिर्फ आपके खूबसूरत घर और फर्नीचर को खराब कर देते हैं, बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बनते हैं। लिजु मथई, डायरेक्टर वेमा पेस्ट कंट्रोल कंपनी, इन पर नियंत्रण करने वाली पेस्ट कंट्रोल प्रक्रिया के बारे में बता रहे हैं, जो बिन बुलाए घर में प्रवेश करने वाले इन जंतुओं पर रोक लगाएगी...
1.पेस्ट कंट्रोल छोटे कीट-पतंगों को घर से दूर रखने की एक रसायनिक प्रक्रिया है, जो लिक्विड और जैल फॉर्म में होती है। इंडियन पेस्ट कंट्रोल एसोसिएशन के अंतर्गत पूरे देश में पेस्ट कंट्रोल एजेंसीज़ हैं। ध्यान रखें लायसेंसधारी पेस्ट कंट्रोल कंपनी की ही सेवा लें, जो वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्लूएचओ) के स्टैंडर्ड कैमिकल से पेस्ट कंट्रोल करते हैं।
2.डब्लूएचओ के स्टैंडर्ड कैमिकल का फायदा ये है कि ये न तो पाउडर फॉर्म में इस्तेमाल किया जाता है, न ही स्प्रे फॉर्म में, इसलिए इससे सेहत को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। एक विशेष प्रकार के जैल सेे जगह-जगह निशान लगाए जाते हैं।
3.कॉकरोच, मच्छर जैसे इंसेक्ट कभी भी मरते नहीं हैं, इन पर नियंत्रण किया जाता है। इन्हें घर से दूर रखने और घर में इनकी संख्या को कम करने के लिए किया जाने वाला पेस्ट कंट्रोल तीन रूपों में होता है- एक कॉकरोच की रोकथाम के लिए, दूसरा दीमक पर नियंत्रण बनाने के लिए और तीसरा सामान्य कीटों से सुरक्षा के लिए (जनरल डिसइंफेक्शन ट्रीटमेंट)।
4.नए बने घर में दीमक नियंत्रण पेस्ट कंट्रोल करवाना चाहिए, जो 5 साल की सुरक्षा की गारंटी देता है, वहीं पहले से रह रहे घर में की गई पेस्ट कंट्रोल की गारंटी 3 साल की होती है।
5.पेस्ट कंट्रोल साल में तीन बार करवाना चाहिए, जिसकी प्रक्रिया सिर्फ आधे घंटे की होती है। एक बार के पेस्ट कंट्रोल का खर्च लगभग 750 रुपए से लेकर 800 रुपए तक आता है, जिसका प्रभाव तीन महीने तक रहता है। और सबसे अच्छी बात ये कि इस प्रक्रिया के बाद किसी तरह की कोई दुर्गंध नहीं आती।
6.मात्र एक घंटे में पेस्ट कंट्रोल प्रक्रिया पूरी हो जाती है, वह भी बिना कमरे को खाली किए। किचन का एक भी सामान हटाए बिना आप किचन को कीट-पतंगों से फ्री कर सकते हैं।
मॉडर्न पेस्ट कंट्रोल तकनीक की सुविधा ये है कि अब किचन का एक भी सामान उठाए बिना ही पेस्ट कंट्रोल प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।
7.पूरे घर में एक साथ पेस्ट कंट्रोल किया जाता है। इसमें किचन और बाथरूम में तो पेस्ट कंट्रोल होना ही चाहिए।
8.आप नए घर में शिफ्ट करने वाले हैं, तो 4-5 महीने पहले पुराने घर में ही पेस्ट कंट्रोल करवा लें, ताकि लकड़ी के फर्नीचर या अन्य सामानों में मौजूद कीट खत्म हो जाएं और नए घर में डेरा न डाल पाएं।
9.दीमक मिट्टी से आती है, जो फर्नीचर और वॉर्डरोब जैसे लकड़ी के सामानों को नुकसान पहुंचाती है, जबकि कॉकरोच वगैरह गंदगी से पनपते हैं। अगर घर में दीमक है, तो एक बार दीमक पेस्ट कंट्रोल करवा लें, उसके बाद तीन साल तक दीमक नहीं लगेगी। मगर कॉकरोच पेस्ट कंट्रोल के लिए आपको साल में तीन बार यह प्रक्रिया करवानी होगी।
10.जो लोग फ्लैट में रहते हैं, उनके लिए बेहतर होगा कि उस पूरी बिल्डिंग के लोग एक साथ मिलकर अपने-अपने फ्लैट में पेस्ट कंट्रोल करवाएं। एकसाथ करवाने पर खर्च काफी कम हो जाता है।