Anu & Prashant Chauhan
Architects
Text: Vishanka Gandhi
Photographs: Sebastian Zachariah I Photographix

लिविंग रूम को अंतरंगता की एक दहलीज कहा जा सकता है, जहां मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत करने के साथ ही आप जिंदगी की भागदौड़ के बीच सुकून के दो पल गुजारते हैं। यहां सजे फोटोग्राफ्स और यादगार चीजें दूसरों द्वारा आपकी जिंदगी को समझने का मौका देती हैं, वहीं आपको अतीत की सुनहरी यादों से जोड़ती हैं। एक सामाजिकता का बंधन और चर्चा की जगह है ये, जिसमें आपके एकांत को भी जगह मिले। लिविंग रूम को बहुत ही बारीकी से डिजाइन करना चाहिए, ताकि जब आप इसमें प्रवेश करें, तो आराम और सुकून का अहसास हो। जीरो 9 आर्किटेक्चर एंड डिजाइन स्टूडियो के अनु चौहान और प्रशांत चौहान एक शानदार और जानदार लिविंग रूम के लिए दे रहे हैं कुछ टिप्स ...
 

एंट्रेंस वाॅल पर एक पतला कंसोल लगा दें और उसे कलात्मक चीजों से सजाएं। वहां एक कुर्सी रखें, ताकि मेहमान उस पर बैठकर आराम से अपने जूते-चप्पल उतार सकें।

1.लिविंग रूम में खुलने वाले लंबे और कम रोशनी वाले पैसेज में नैचुरल लाइट नहीं होने के कारण आर्टिफिशियल लाइट बेहद जरूरी है। उसकी ओपनिंग बाहर की तरफ करें या फिर बेसिक डिफ्यूज लाइट का इस्तेमाल करें। कॉर्नर्स पर खूबसूरत झिलमिल लाइट्स का जादू जगाएं या फिर बीच में क्रिस्टल का झूमर टांगें।

2.अब इसके रंग-रोगन पर भी ध्यान दें। इसे दिलचस्प रंगों से सजाकर खूबसूरती प्रदान करें। बेहतर आयडिया है अपनी क्रिएटिविटी दिखाएं और यहां कुछ आर्ट बनाएं। फिर यह जगह आपको ऊर्जा से भी भर देगी और आपकी काफी निजी बन जाएगी।

3.बेतरतीबी से बिखरी चाबियां, मैग्जीन्स और बिखरे शूज़, दिमाग और इंप्रेशन दोनों ही खराब कर देते हैं। इसके लिए एंट्रेस वाॅल का उपयोग एक पतले कंसोल टांगने के लिए करें, जिसमें पुराने अखबार और मैग्जीन्स को स्टोर किया जा सके। इसमें आपके खजाने से निकली कुछ खूबसूरत कलाकृतियों को भी जगह दें। इसी तरह एक लम्बी बैंच रखकर बैठने की जगह बनाएं और उसके नीचे शू रैक बना दें। मेहमानों को विदा करने से पहले उनके साथ छोटी-मोटी गुफ्तगू के लिए ये बेहतरीन जगह होगी।

4.रोज की पारिवारिक बैठक की जगह के बारे में फिर से सोचें। क्या आपका परिवार एक साथ बैठकर टीवी देखना पसंद करता है? या फिर कोई इनडोर गेम एकसाथ खेलना पसंद करता है। ऐसे में टीवी के आस-पास ही अपनी बैठक बनाएं। अगर आपको लगता है कि लिविंग रूम में टीवी रखना उस जगह की सामाजिकता में खलल डालेगा, तो औपचारिक बैठक, अनौपचारिक बैठक और आरामदायक रीडिंग स्पेस के लिए थोड़ी जगह अलग कर लें। अगर मिलना-मिलाना और दोस्तों की बैठकर घर में आए दिन होती है, तो फिर एक सेंट्रल बार बनाने में कोई बुराई नहीं है। 

5.कॉर्नर में हमारी भारतीय संस्कृति के अनुसार लो सिटिंग की व्यवस्था कीजिए, इससे छोटे रूम को भी बड़ा दिखाया जा सकता है। लकड़ी का हल्का पॉलिश किया गया या फिर खूबसूरत नक्काशीदार तखत बिछाएं, जिस पर गद्दों के साथ खूबसूरत गाव तकिए लगे हों।

(बाएं) एंट्रेंस पर अनूठी नेमप्लेट लगाकर उसे और दिलचस्प बनाया जा सकता है। (दाएं) घरेलू खजाने को भी खूबसूरती से सजाया जा सकता है।

6.अपनी दीवारों को व्यक्तिगत तस्वीरों, पसंदीदा कलाकार की कलाकृति या फिर किसी खूबसूरत सजावटी सामान से सजाएं। ये चीजें आपको खुशी का अहसास कराएंगी। इसी तरह दीवार पर खूबसूरत आले बनवाएं, जिनमें अपनी यादगार चीजें, संग्रह या फिर सजावटी सामान रखें लेकिन ध्यान रहे कि बेतरतीबी न हो। ज्यादा चीजों की भरमार घर को म्यूजियम में बदल सकती है। ऐसी चुनिंदा चीजें ही सजाएं, जो देखने में खूबसूरत लगें।

7.संकरे गलियारे और बैठक के अलावा खिड़कियों पर रखे इनडोर प्लांट्स या ग्रिल पर चढ़ी बेल के जरिए लिविंग रूम में अपनी कल्पनाशीलता से खूबसूरती बढ़ाएं। अपने हाथों की कला का जादू किसी रांगोली या फ्रेश फ्लावर्स के जरिए दिखाएं। दीवार पर बने कंसोल में खूबसूरत ताजे या आर्टिफिशियल फूलों का गुलदस्ता रखें। ये सभी चीजें घर को खुशहाल रंगों और सकारात्मकता से भर देंगी।

8.इटैलियन मार्बल फ्लोरिंग का यूज क्यों करें जब हमारे अपने जैसलमेर, कोटा, शाहबाद और धौलपुर स्टोन मौजूद हैं! ये हमारे मौसम के हिसाब से काफी अनूकूल होते हैं और गर्मियों में घर को ठंडा रखते हैं। सबसे खास बात घर की महिलाओं के लिए नैचुरल स्टोन फ्लोरिंग काफी सुकूनदायक होती हैं क्योंकि इन्हें ज्यादा मेंटेन नहीं करना पड़ता, इनकी साफ–सफाई आसान है और बिना पॉलिश के भी 9-10 साल चल जाती हैं।

व्यक्तिगत तस्वीरें हमेशा वातावरण में एक अपनेपन का अहसास जगाती हैं।

9.चीजें अभिव्यक्ति का बड़ा साधन हैं। अपनी पुराने जमाने की बैंच को नया रूप देकर उसे सेंट्रल टेबल के रूप में यूज करें। या किसी पुराने ढांचे पर कांच लगाकर उसे डाइनिंग टेबल की तरह यूज करें। पुरानी आर्म चेयर के साथ एक पुराना स्टैंडिंग फैन रखें। ये सभी आपके घर में दिलचस्प अभिव्यक्ति का साधन बनेंगी।

10.पीतल की उरली में पानी भरकर उसमें फूलों की पंखुड़ियां डाल दें और पारंपरिक लुक दें। इसी तरह किसी दीवार पर झरना बनाएं। इसकी लयबद्ध आवाज़ बहुत राहत देती है।

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